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विधानसभा में विपक्ष की गैरमौजूदगी में ही विधेयक पास, तेजस्वी बोले-CM नीतीश के कठपुतली बन गए हैं स्पीकर

विधानमंडल के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। आज विपक्ष की गैरमौजूदगी में ही विधेयक को पास कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर कहा कि स्पीकर विजय सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कठपुतली बन गए हैं। सीएम के इशारों पर ही 23 मार्च को विधायकों की पिटाई हुई थी। विधानसभा में विपक्ष की गैर मौजूदगी में ही विधेयक पास आर्य भट्ट ज्ञान विवि संशोधन विधेयक- 2021 पास किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वविद्यालय को लेकर कहा कि देशभर में ज्ञान विश्विद्यालय बनाने की मांग हो रही थी। इसके बाद हमने यहां आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया। आर्यभट्ट का नाम हर जगह होना चाहिए, इसको संक्षिप्त नहीं करना चाहिए। उधर, विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया है। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधायकों के साथ मारपीट मामले को लेकर हंगामा हुआ। विपक्ष के सदस्य वॉक आउट कर गए। इससे पहले भी विपक्ष के सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा किया था। वेल के पास पहुंच कर नारेबाजी करने लगे थे। इसके बाद दोपहर 2 बजे तक के लिए अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कार्यवाही को स्थगित कर दी थी। उधर, परिषद में कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में किसी भी कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत ऑक्सीजन और उपकरणों की कमी की वजह से नहीं हुई।

विधान परिषद की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। 2:30 तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले MLC रामबचन राय ने भोजपुर के दो लोगों की मौत का मामला उठाया। दोनों की मौत की वजह कोरोना थी। लेकिन, हार्ट अटैक बताया गया। मुआवजे के लिए परिजन भटक रहे हैं। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि डायरेक्टर इन चीफ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाएगी। परिषद में कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर राजद ने कार्य स्थगन प्रस्ताव भी लाया था। लेकिन, सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सदन में इस पर चर्चा हुई तो बिहार की बदनामी होगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में सरकार से पूछा कि विधायकों के साथ 23 मार्च को मारपीट हुई थी। इस मामले में सिर्फ 2 सिपाही को क्यों निलंबित किया गया। कल तो कोई पुलिस वाला विधायक को गोली मार देगा और उसे सिर्फ निलंबित किया जाएगा। 23 मार्च की घटना पर सदन में बहस होनी चाहिए। इससे सदन में लगे दाग को हटाया जा सकता है। इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सदन में जो कुछ हुआ उस पर विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेना है। इस मामले में सरकार कहीं नहीं है।

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