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बिहार में एक ही नंबर पर एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस को कर सकेंगे फोन, जल्द शुरू होगी सेवा

बिहार में अभी तक विभिन्न इमरजेंसी सेवाओं (Emergency Services) के लिए अलग- अलग नंबर हैं. अगर आपको पुलिस को कॉल करना है तो 100, फायर बिग्रेड के लिए 101 और अगर मेडिकल की इमरजेंसी है तो एंबुलेंस के लिए 102 नंबर पर डायल करना होता है. लेकिन आने वाले दिनों में यह सभी नंबर बदल जाएंगे. सभी तरह की इमरजेंसी सेवाओं के लिए आपको एक ही नंबर 112 डायल करना होगा. इसके लिए राज्य में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम यानी ईआरएसएस डेवलप (ERSS) किया जा रहा है. गृह विभाग ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी साल के अक्टूबर-नवंबर तक राज्य में यह नई सेवा शुरू हो जाएगी. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए 176.22 करोड़ रुपए खर्च का आकलन किया गया है. इसमें 10.80 करोड़ रुपए केंद्रीय अनुदान के रूप में प्राप्त भी हो गया है, जबकि राज्य सरकार को 165.42  करोड़ की राशि खर्च करनी है. इसी के तहत गृह विभाग ने पहले चरण में 48 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है. इससे इमरजेंसी सेवा के लिए जरूरी चार पहिया वाहनों की खरीद की जाएगी. ईआरएसएस योजना को वैसे तो राज्य भर में लागू करना है, लेकिन पहले चरण में राजधानी पटना समेत 10 जिलों से इसकी शुरुआत होगी. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे सभी 38 जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा.

इस सेवा का मूल मकसद सभी इमरजेंसी सेवाओं को एक सूत्र में बांधना है. सबसे ज्यादा मदद इस बात की होगी कि एक नंबर रहने से लोगों को नम्बर याद करने में कोई परेशानी नहीं होगी. और साथ ही मदद जल्द से जल्द उन तक पहुंच सकेगी. राजधानी पटना के राजवंशी नगर के पास वायरलेस कैंपस में इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम सेंटर का निर्माण चल रहा है. कहीं, से कॉल करने पर इसी सेंटर में सबसे पहले रिसीव किया जाएगा. उसके बाद यहां बड़ी संख्या में तैनात किए गए कर्मी जरूरत के हिसाब से उसे संबंधित विभाग को ट्रांसफर कर देंगे. इस तरह की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. दरअसल, इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम केंद्रीय योजना है. इसे 2018 में नवंबर महीने में शुरू किया गया था. देश में सबसे पहले इसे हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया था. साथ ही पांडुचेरी दमन व दीव, अंडमान निकोबार, दादर नगर हवेली और देश की राजधानी दिल्ली में भी इसे लागू कर दिया गया है.

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