
बिहार के शिक्षा सचिव लगातार चर्चा में रहते हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री के साथ जुड़े विवाद के बाद K.K. Pathak लगातार चर्चा में हैं। बीते दिनों के के पाठक के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी किया गया। इस आदेश में शिक्षकों को मध्याह्न भोजन के खाली पड़े अनाज बोरियों को बेचने को कहा गया। शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया कि 20 रुपये प्रति बोरी की दर से बिकवाली होगी। बोरा बेचने से पैसे प्राप्त होंगे उसे विद्यालय के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। इस आदेश के बाद विभिन्न पार्टियों की राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हुईं। सरकार ने मामले में अपना पक्ष रखा और मामला शांत हुआ।
हेडमास्टर को कबाड़ बेचने का आदेश!
शिक्षकों से बोरी बिकवाने वाले मामले के बाद एक नया मामला चर्चा में हैं। इसबार विद्यालय को स्कूल में पड़े कबाड़ को बेचने का आदेश दिया गया है। इस आदेश के अनुसार Headmaster को यह काम अपने अपने स्कूलों में करने होंगे। कबाड़ बेचकर जो पैसा आएगा उसे सरकारी खजाने या फिर विद्यालय के खाते में जमा कराना होगा। दोनों आदेश जारी करने वाले शिक्षा सचिव के के पाठक हैं। उनके इस आदेश के बाद सरकार पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं। इन कामों में व्यस्त होने के कारण शिक्षकों को पढ़ाने के मौके कम मिलेंगे।
के के पाठक से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य।
2015 में नीतीश सरकार में शराबबंदी को लागू करने में अहम भूमिका रही।
2018 में पटना हाईकोर्ट ने 1,70,000 रुपये जुर्माना लगाया था।
बिहार के शिक्षा मंत्री के साथ इनका विवाद काफी चर्चा में रहा।
विद्यालय निरीक्षण के दौरान शिक्षक को अपशब्द कहने पर बवाल मचा।
जानिए कौन हैं के. के. पाठक?
के के पाठक का पूरा नाम केशव कुमार पाठक है। उत्तरप्रदेश में 1968 में के के पाठक का जन्म हुआ। बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स एवं एम.फिल.की पढ़ाई कर चुके हैं। 1990 में अखिल भारतीय सिविल सेवा में अधिकारी बने। अपने निडर स्वभाव और तेज तर्रार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
#theindiatop #K.k.pathak #Bihar_teachers_will_sell_sack. #Bihar_viral_news