स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत राजेंद्र नगर टर्मिनल समेत बिहार के पांच रेलवे स्टेशनों का विकास होगा। देश में 123 स्टेशनों के पुनर्विकास की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ इसे पूरा किया जाना है। पूर्व मध्य रेल में राजेंद्र नगर के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय एवं सिंगरौली स्टेशन विश्वस्तरीय बनेंगे। सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि गुजरात के गांधीनगर में प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड क्लास स्टेशन को समर्पित किया है, उसी कड़ी में बिहार के पांच स्टेशन विकसित किए जाएंगे। स्टेशनों के विकास के लिए रेलवे की ओर से अधिकृत एजेंसी कंसल्टेंसी वर्क में जुटी है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार होगी, मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू होगा।
रेलवे स्टेशन विश्वस्तरीय एवं अत्याधुनिक सुविधा से युक्त होंगे। स्टेशन को ग्रीन र्बिंल्डग का रूप दिया जाएगा। यहां वेंटिलेशन की व्यवस्था होगी। रेलवे की जमीन पर मॉल और मल्टीपर्पस र्बिंल्डग बनेंगे। स्टेशन का विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और ‘हरित इमारत’ मानकों के अनुसार किया जाएगा। स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिए प्रवेश और निकास द्वार बिल्कुल अलग होंगे। स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो। यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट की सुविधा होगी। स्टेशन के आसपास की सड़कें भी बेहतर होंगी। इसके लिए राज्य सरकार से समन्वय बनाकर काम होगा।
धार्मिक एवं पर्यटन दोनों दृष्टिकोण से गया स्टेशन के पुनर्विकास की योजना बनी है। पुनर्विकास के कार्य रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर होंगे। वर्ष 2065 की अनुमानित यात्री संख्या को आधार मानकर विकास होगा। गया के पुनर्विकास पर 173 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। स्टेशन तथा इसके आसपास पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए काम होंगे। रेलवे की ओर से पटना जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया को पूर्ण सुरक्षित जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। आने वाले दिनों में स्टेशन को पूरी तरह से हाईटेक लुक दिया जाएगा। यात्रियों को किसी सुविधा के लिए भटकना नहीं होगा। टिकट, पूछताछ, बैठने, आराम करने, रिफ्रेशमेंट की सभी व्यवस्था आसानी से मिलेगी।