मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर का मुख्य द्वार भक्तों के लिए बंद रहा। सावन की पहली सोमवारी पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन, द्वार बंद देखकर थोड़े मायूस ज़रूर हुए। भक्तों को उम्मीद थी कम से कम मंदिर में भीतर जाने को मिलेगा। बाबा का पट बंद होगा तो वहीं पर जलाभिषेक करेंगे। लेकिन, मुख्य द्वार बंद देखकर उदास हो गए। बावजूद इसके वहीं पर बाबा गरीबनाथ की जलाभिषेक और पूजा की। भक्तों की भीड़ को काबू में रखने के लिए पुलिस-प्रशासन के तरफ से व्यवस्था की गई है। काफी संख्या में पुलिस जवान मौजूद हैं। इसके अलावा प्रशासन की तरफ से भी एक अधिकारी मौजूद है। ये भक्तों को कतार में लगवाकर मंदिर के मुख्य द्वार तक जाने दे रहे हैं। गेट पर भी ज़्यादा देर रुकने की अनुमति नहीं है। जलाभिषेक कर फौरन जगह खाली करा दी जा रहा है। ताकि भीड़ अधिक नहीं हो।
हर साल 12 लाख से अधिक भक्त पहलेजा घाट से जल भरकर और कांवर लेकर करीब सौ किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। लेकिन, पिछले साल भी भक्त इससे वंचित रह गए थे। इस साल भी कांवर लेकर भक्त नहीं आए हैं। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक ने कहा कि इस बार भी मंदिर के पुजारी ही बाबा की पूजा-आरती करेंगे। सोमवार की रात बाबा का महाश्रृंगार और महाआरती किया जाएगा। लेकिन, इसमे भक्तों के आने पर मनाही रहेगी। सरकार का छह अगस्त तक का गाइडलाइन है कि मंदिरों को बंद रखना है। अगले आदेश में जो निर्णय लिया जाएगा। उसका अनुपालन करेंगे।