
18 जुलाई 2024 के लोकसभा चुनाव और देश की राजनीति के काफी अहम दिन रहा। एक ही समय में जहां दिल्ली में एनडीए की बैठक चल रही थी वहीं बेंगलुरू में विपक्षी बैठक। दोनों तरफ की बैठकों में मिशन 2024 को लेकर खूब मंथन हुआ। जहां विपक्षी पार्टियों की बैठक में 26 दलों के नेताओं ने शिरकत तो वहीं एनडीए की बैठक में 35 दल मौजूद रहे। लेकिन बताया जा रहा है कि एनडीए की बैठक में गठबंधन के बाहर की पार्टियां भी शामिल हुईं। इसके साथ यह खबर भी सामने आ रही है कि शिरोमणि अकाली दल की तरफ कोई शामिल नहीं हुआ। हलांकि बैठक के दौरान नरेंद्र मोदी ने अकाली दल के मुखिया का जिक्र जरूर किया।
एनडीए बैठक में हुई परिवारवाद पर चर्चा
एनडीए की बैठक के बारे में एक बात कही जा रही है कि यह जल्दबाजी का फैसला था। विपक्षी एकजुटता को जवाब देने के लिए आनन-फानन में यह बैठक बुलाई गयी। हलांकि इस आरोप को बीजेपी नेताओं ने खारिज कर दिया। उनका कहना है कि यह पहले से तय था इसलिए 38 पार्टियां शामिल हुई। एनडीए की बैठक में परिवारवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा भी खूब छाया रहा। एनडीए के परिवारवाद वाले तंज पर राजद ने जवाबी ट्वीट किया। जिसमें तेजस्वी के विधानसभा का वीडियो भी पोस्ट किया गया। इस वीडियो में तेजस्वी एनडीए के अंदर परिवारवाद को एक-एककर गिनवा रहे थे।
चिराग ने चाचा से लिया आशीर्वाद
दिल्ली की बैठक एक और घटना हुई जिसने सबका ध्यान खीचा। पशुपतिनाथ पारस और चिराग पासवान की मुलाकात के खूब चर्चे हुए। चिराग ने अपने चाचा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और दोनों एनडीए का हिस्सा बने। हलांकि चिराग ने जो एनडीए के सामने शर्त रखी है वो चाचा को परेशान तो कर ही रही होगी।
एनडीए की बैठक में क्या कहा गया?
गठबंधन के 25 साल की उपलब्धियों को बताया गया।
देश की अर्थव्यवस्था 10वें से 5वें स्थान पर पहुंची
शिरोमणि अकाली दल को लेकर हुई चर्चा।
एनडीए ने कांगेस नेता प्रणव मुखर्जी को दिया भारत रत्न।
विपक्षी नेता मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, गुलाम नबी आजाद, तरुण गोगोई को सम्मान दिया।
विपक्षी गठजोड़ किसी खास उद्देश्य से है।
एनडीए का एकमात्र उद्देश्य है देश का विकास।
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