कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सामने आ रहा है। अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस के बाद अब कप्पा व लेम्डा वैरिएंट को लेकर दहशत है। डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में डिटेक्ट हुआ है। ऐसे में बिहार में भी नए वैरिएंट को लेकर दहशत है। इस माहौल में पटना AIIMS ने आम लोगों को अलर्ट किया है। ट्रामा इमरजेंसी के विभागाध्यक्ष (HOD) डॉ. अनिल कुमार ने मीडिया से लोगों को वायरस के नए वैरिएंट व म्यूटेशन की जानकारी साझा की। मास्क और वैक्सीनेशन के साथ अवेयरनेस को इस लड़ाई का बड़ा हथियार बताया है। डॉ. अनिल ने सरकार और लोगों को कोरोना के नए वैरिएंट से लड़ने का सुझाव दिया है।
उस जगह पर ट्रैवल न करें, जहां इस तरह का वैरिएंट पाया गया हो या फिर कोविड के ज्यादा केस मिल रहे हों।
मास्क लगाना नहीं भूलें और वैक्सीन भी बढ़-चढ़कर लें।
जहां केस मिले उस जगह को पूरी तरह से लॉक कर दिया जाए।
अनलाक तेजी से नहीं किया जाए।
टेस्टिंग के साथ ट्रैकिंग को बढ़ाया जाए।
वैक्सीनेशन अधिक से अधिक कराएं।
मास्क का इस्तेमाल हर हाल में करें।
जेनेटिक सिक्वेंसिंग की व्यवस्था की जाए ताकि वैरिएंट का पता लगाया जा सके।
AIIMS के ट्रामा इमरजेंसी के HOD डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हम लोग कोरोना के नए-नए वैरिएंट के बारे में सुन रहे हैं। इसमें अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस के बाद लेम्डा व कप्पा के साथ अन्य वैरिएंट शामिल हैं। डॉ. अनिल का कहना है कि इस बात को कभी नहीं भूलें कि वायरस अपना आकार चेंज करता है और इसी को हम वैज्ञानिक भाषा में म्यूटेशन बोलते हैं। अपने सरवाइव के लिए वायरस का म्यूटेशन होना आम बात है। डॉ. अनिल का कहना है कि पहले अल्फा यूके में पाया गया, जिसे B.1.1.7 के नाम से जाना जाता है। इसके बाद फिर दूसरा वैरिएंट साउथ अफ्रीका में पाया गया, जिसे हम बीटा के नाम से जानते हैं और तीसरा वैरिएंट ब्राजील में आया, जिसे गामा के नाम से जान जा रहा है। अल्फा, बीटा, गामा नाम को ग्रीक अल्फाबेट से लिया गया है, ताकि किसी देश के बारे में न कहा जाए कि यह वायरस किसी खास देश का है।