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बिहार में महिला सशक्तिकरण की कहानी..

DESK : बिहार की आधी आबादी आज विकास की कसौटियों पर खरी उतर रही है। लिंग अनुपात, निकाय चुनावों में महिला की भागीदारी, साक्षरता, पुलिस व शिक्षक नियुक्ति में बेटियों की तादाद और मातृत्व मृत्यु-दर के घटते आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। इस दशा को बदलने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की राजनीतिक इच्छाशक्ति तो है ही, साथ ही महिला सशक्तिकरण में उनकी व्यक्तिगत प्रबल रुचि भी है। बिहार में जीविका का तेजी से प्रोत्साहन, शराबबंदी, लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करने की तमाम योजनाएं, बाल विवाह व दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ अभियान इस बात को प्रमाणित करता है कि श्री नीतीश कुमार जी महिलाओं के उत्थान के लिए कितने सजग व संजीदा हैं।

बिहार में 2005 तक मात्र 893 महिला पुलिसकर्मियों की संख्या थी जो आज बढ़कर 28128 हो गई है। महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में 28 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। बिहार महिला पुलिसकर्मियों के मामले में देश में सबसे आगे है। बिहार में महिलाओं को नौकरी से लेकर राजनीति तक में आरक्षण का पूरा लाभ मिल रहा है ।

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बिहार में नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 3 लाख 51 हजार है, जिनमें करीब 2 लाख महिलाएं हैं। वहीं 8 हजार 442 पंचायतों के मुखिया पदों पर करीब 5 हजार महिला मुखिया गांव की सरकार चला रही हैं। भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल की बुलेटिन के मुताबिक बिहार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के कुल 37.9 हजार उद्यम यूनिट हैं। इनमें से 7860 यूनिटों का संचालन महिला उद्यमी कर रही हैं और इसके जरिए 55 हजार लोगों को रोजगार दे रही हैं। एक नहीं, दर्जनों ऐसे उदाहरण हैं।

. बिहार– देश का पहला राज्य जहाँ महिलाओं को 50 फीसदी का आरक्षण दिया गया.
• महिलाओं को नौकरी में 35 फीसदी का आरक्षण दिया गया
• 2008 में मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना (CM Nari Shakti Yogna)- मकसद आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण
• मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, कन्या उत्थान योजना तथा कन्या सुरक्षा योजना के जरिए बाल विवाह को रोकने और कन्या जन्म को प्रोत्साहित करने की कोशिश की गई.
• बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ हजारों किलोमीटर की मानव शृंखला बनाई गयी.
सरकारी नौकरी में सशक्त हिस्सेदारी
• शिक्षा विभाग की नौकरियों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान.
• नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 3 लाख 51 हजार में करीब 2 लाख से अधिक महिलाएं हैं.
• सरकारी दफ्तरों में पोस्टिंग मे भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है.
• आरक्षण के अनुपात में महिलाएं एसडीएम, बीडीओ, सीओ और थानेदार जैसे पद पर भी तैनात रहें.
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम
• लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में गेम चेंजर योजना मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना तथा मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना से स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में भारी इजाफा हुआ.
• मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में नामांकन में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दी हैं . ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है.
• इंटरमीडिएट (12वीं) पास अविवाहित लड़कियों को 25 हजार रुपये और स्नातक पास लड़कियों को 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया है.
• महिला उद्यमी योजना Women Entrepreneur Scheme) के तहत 10 लाख रुपये तक की मदद करने की घोषणा की है, जिसमें से पांच लाख अनुदान के रूप में मिलेगा और बाकी पांच लाख लोन होगा. जिसमे किसी भी प्रकार ब्याज नहीं लगेगा।

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