
DESK: हाल ही में अमित शाह के बिहार दौरे में अमित शाह द्वारा दिए गए भाषण में इस्लामपुर नटेसर रेलखंड जीर्णोधार की बात को लेकर जदयू ने पूरा बयानबाजी की और बताया कि इस्लामपुर नटेसर रेलखंड जीर्णोधार की शुरूआत नीतीश कुमार जी के द्वारा की गयी थी. और जदयू के द्वारा उस रेलखंड के जीर्णोधार की पूरी कहानी बताया.
1922:- वर्ष 1922 में बिछायी गयी लाइन 1976 में बही: फतुहा इस्लामपुर छोटी रेललाइन की शुरुआत वर्ष 1922 में मार्टिन लाइट रेलवे ने की थी
1976:- दनियावां के पास वर्ष 1976 की बाढ़ में रेललाइन बह गयी।
1982:- इसके बाद मार्टिन लाइट रेलवे ने वर्ष 1982 में फिर से शुरू करने की योजना बनायी।
1984:- मास्टर प्लान बनाने के दौरान हुई दिक्कतों से वर्ष 1984 में स्पष्ट रूप से घोषणा कर दी कि इसे कभी चालू नहीं किया जाएगा।
1986:-रेलमंत्री नीतीश बने तो आयी बहार वर्ष 1986 में रेलवे ने पुरानी रेललाइन की संपत्ति व जमीन को अपने अधीन कर लिया।
1998:-वर्ष 1998 में तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार में फिर से फतुहा इस्लामपुर रेलखंड के निर्माण की आधारशिला रखी।
उस वक्त 64.35 करोड़ रुपये से रेललाइन के साथ ही 144 नये पुल व 36 क्रॉसिंग बनाने की स्वीकृति दी गयी थी।
2003:- वर्ष 2003 में जॉर्ज फर्नाडिस की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने इस रेलखंड की शुरुआत की थी।
2019:- इस्लामपुर-नटेसर रेलखंड का निर्माण कार्य पिछले साल पूरा करते हुए 22 अक्टूबर 2019 काे मालगाड़ियों के परिवहन के लिए खोल दिया गया था।
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इस रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य इसी वर्ष 25 जनवरी को पूरा हुआ था। यह लाइन तिलैया-बख्तियारपुर लाइन को फतुहा-इस्लामपुर लाइन से जोड़ती है, जो लंबे समय से प्रतीक्षित महत्वपूर्ण रेल लिंक प्रदान करती है। पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार के अनुसार नई लाइन ग्रैंड कॉर्ड से फतुहा स्थित गुड्स यार्ड अाैर दनियावां स्थित अल्ट्राटेक प्लांट तक सबसे छोटा रूट होगा।