
DESK: उत्तर प्रदेश में अपराधी का मनोबल बढ़ा हुआ है और पुलिस को सरकार ने मूक दर्शक बना दिया। पुलिस अभिरक्षा में हत्या सरकार की नाकामी का योगी मॉडल नमूना है यही मॉडल चला तो जल्द ही उत्तर प्रदेश में तालिबानी शासन होगा।
अगर पुलिस अभिरक्षा में यह हत्या सही है, राज्य में 144 क्यों लगाया।
बिहार में फास्ट कोर्ट की वजह से बिहार के बहुत लोग अपराध करना छोड़ दिये। नीतीश जी के नेतृत्व में साल 2005 से ही अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस लाकर पूरे प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है। बिहार के जितने भी अपराधी थे वे या तो अपराध करना छोड़ दिये या फिर दूसरे राज्य चले गए।
साल 2005 जब बिहार में सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार। मुख्यमंत्री बनते ही बिहार में बदलाव होना शुरू हो गया। राज्य में तेजी के साथ कानून व्यवस्था में सुधार होने लगा अपराध पर अंकुश लगा और बिहार को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का सिलसिला शुरु हुआ।
उत्तर प्रदेश में योगी मॉडल नहीं बिहार मॉडल की जरूरत है। अपराधी रक्तबीज की तरह होते हैं एक मारोगे सौ पैदा होंगे इसलिए इनका निपटारा कानून के अंतर्गत होना चाहिए। ‘क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से नो कम्प्रोमाइज’ का फार्मूला बिहार ही पूरे देश में लागू होना चाहिए।तभी असली तरक्की है, तभी बेहतर खुशहाली।
आज बिहार प्रगति के पथ पर है। समाज के वंचित वर्ग को निरंतर सशक्तिकरण की ओर अग्रसित करने के प्रयास जारी हैं। सामाजिक एंव सांप्रदायिक सौहार्द बेमिसाल है। इसलिए नीतिश ब्रांड एक उदाहरण बना, देश एंव राज्य के समग्र विकास का।