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बिहार सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए कितने योजना चलाते हैं…

नीतीश कुमार ने अधिकारियों को ऐसा प्रावधान बनाने का निर्देश दिया है कि किसी भी अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार के किसी भी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

DESK: नीतीश कुमार ने अधिकारियों को ऐसा प्रावधान बनाने का निर्देश दिया है कि किसी भी अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार के किसी भी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

— मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्र/छात्राओं को आगे की तैयारी हेतु आर्थिक सहयोग दिया जाना है। बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी हेतु एकमुश्त 50 हजार रुपए तथा संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को एकमुश्त 1 लाख रुपए की राशि दी जाती है।

वर्ष 2018 में संघ लोकसेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 46 अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया गया है।

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 63वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 474 अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया गया है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 1782 अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र प्राप्त किया गया है।

— छात्रावास योजना
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के छात्र/छात्राओं के लिये छात्रावास संचालित है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 111 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है तथा 21 नए छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है।

— मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना
वर्तमान में छात्रावासों में आवासित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को कॉट, मैट्रेस, चादर, पठन-पाठन हेतु टेबल-कुर्सी, खाना बनाने हेतु बर्तन एवं रसोईया इत्यादि की सुविधा दी जाती है।
छात्रावासों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र/छात्राओं को प्रति छात्र/छात्रा 1 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से छात्रावास अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। मार्च 2019 मे मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना के तहत 3750 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया है।

— विद्यालय छात्रवृत्ति
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में वर्ग-1 से 10 तक में अध्ययनरत सभी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
वर्ष 2018-19 में योजना मद से अनुसूचित जाति के लिए 36861.28 रुपए लाख एवं अनुसूचित जनजाति के लिए रु0 8052.72 लाख की राशि स्वीकृति प्रदान की गई है।

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— मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृत्ति योजना
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से दसवीं की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं कों मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधावृत्ति योजना के तहत 10 हजार रुपए देने की योजना 2008-09 से प्रारंभ की गई है।

वित्तीय वर्ष 2016-17 से दसवीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को 8 हजार रुपए की सहायता राशि योजना के तहत दी जा रही है।
12 वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को क्रमशः 15 रुपए हजार एवं 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
वर्ष 2018-19 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से दसवीं की परीक्षा में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेधा वृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के लिए रुपए 10161.12 लाख एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं के लिए रुपए 1268.44 लाख की राशि आवंटित की गई है।

— आवासीय विद्यालय योजना
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शैक्षणिक उत्थान के लिए राज्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के द्वारा 80 आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है तथा 13 नए आवासीय विद्यालयों के संचालन की स्वीकृति दी गई है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में इस मद में अनुसूचित जाति के लिए रुपए 11943.16 लाख एवं जनजाति के लिए रुपए 2008.79 लाख की राशि आवंटित की गई है।

— प्राक-परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र
अनुसूचित जाति के छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग, बिहार लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल होने के लिये उन्हें प्रशिक्षण देने हेतु पटना, भागलपुर, गया, आरा (भोजपुर), सारण (छपरा), मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा विश्वविद्यालयों के तत्त्वावधान में एक-एक प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं।
इन केन्द्रों पर लगभग 1680 अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में एक स्टूडेंट गाईडेंस सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षणार्थियों को देश के विभिन्न प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में नामांकन की सुविधा हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है।
इन केन्द्रों में प्रशिक्षण पाने वाले छात्र/छात्राओं को प्रति माह छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। 2018-19 में अनुसूचित जाति के लिए स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में रुपए 198.97 लाख की राशि आवंटित की गई है।

— मुख्यमंत्री ने कमजोर वर्ग एवं महिलाओं के लिए औद्योगिक क्षेत्रो में 10 प्रतिशत जमीन आरक्षित की है। 10 प्रतिशत आरक्षित जमीन में से 60 प्रतिशत जमीन एसटी—एससी को आरक्षित की गई है।

— नीतीश ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बहुमुखी विकास हेतु 2020-21 में बजट को बढ़ाकर 1700.05 करोड़ रुपए कर दिया है।

— अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)
राज्य के सभी 40 पुलिस जिलों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए विशेष थानों की स्थापना की गयी है। अत्याचार से पीड़ित/पीड़ितों के आश्रितों को पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।
राज्य में इस अधिनियम के तहत प्रभावित पीड़ितों को सरकारी रोजगार दिया गया है। इसके अलावा नियम-11 के तहत मामलों के सुनवाई के दौरान पीड़ित/पीड़िता आश्रित को यात्रा भत्ता/दैनिक भत्ता का भुगतान किया जा रहा है।
अत्याचार पीड़ितों की सहायता के लिए टॉल फ्री नं०- “सहायता” 18003456345 कार्यरत है।

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