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बिहार के गन्ना उत्पादकों की बढ़ेगी आय। महाराष्ट्र मॉडल पर होगा गन्ना आधारित उद्योग का विकास।

महाराष्ट्र मॉडल पर होगा गन्ना आधारित उद्योग का विकास।

पटना 7 जुलाई। बिहार गन्ना उत्पादन में अग्रणी राज्यों में शुमार रहा है। आज गन्ना उत्पादन में देश भर में बिहार का 5वां स्थान है। वर्ष 2021-21 में बिहार में गन्ना उत्पादन 10.71 हजार मीट्रिक टन रहा। लेकिन Bihar में उपजने वाले गन्ने की Quality Maharashtra जैसी नहीं है। इसलिए उत्पादन बेहतर होने के बावजूद गन्ना किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता। इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने एक नया कदम उठाया है। बिहार सरकार संबंधित अधिकारियों को गन्ना खेती के अध्ययन लिये तैयार करेगी। समय- समय पर इन्हें महाराष्ट्र भी भेजा जाएगा।

क्या है योजना? कैसे पहुंचेगा फायदा?

  • अधिकारी महाराष्ट्र जाकर उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की पहचान करेंगे
  • महाराष्ट्र से अधिक रस वाले गन्ना के बीज मंगाए जाएंगे।
  • फसल सुरक्षा के लिए गोदामों का आकारा बढ़ाया जाएगा।
  • गन्ना आधारित छोटे-छोटे उद्योगों से बढ़ेगा रोजगार ।

क्या कहता है बिहार सरकार का वार्षिक प्रतिवेदन(2023)

बिहार में कृषि योग्य भूमि करीब 53.95 लाख हेक्टेयर है। जिसमें से लगभग 3.00 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है। इस प्रकार राज्य में गन्ने की खेती के विकास की प्रचुर सम्भावनाएं हैं। चीनी एवं उसके अनुषंगी उद्योग, विशेष कर इथेनाल एवं विद्युत सह-उत्पादन के क्षेत्र में निवेश के काफी अवसर हैं। राज्य सरकार इन्हीं अवसरों को भुनाकर गन्ना किसानों की आय में वृद्धि करेगी। महाराष्ट्र के गुणवत्तापूर्ण बीजों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा। ताकि छोटे रकबे में भी किसान ज्यादा लाभ कमा सकें।
Nitish kumar ने कृषि रोडमैप में गन्ना उत्पादन को बढ़वा देने की योजना बनाई थी। गन्ने से इथेनाल का उत्पादन करना इसका प्रथमिक लक्ष्य था। इथेनाल से बिजली एवं ईंधन बनाना नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार रही है। सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को हासिल करने में इथनाल प्रभावी हो सकता है। इसके साथ अन्नदाता किसानों की आय भी बढ़ेगी।

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