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Niti aayog आयोग ने माना बिहार है अव्वल! कुल गरीबी और ग्रामीण गरीबी दूर करने में बिहार आगे। Nitish Kumar कुमार के सात निश्चय से आया बदलाव। Bihar is top in Niti aayog report.

NITI AAYOG रिपोर्ट में बिहार नबंर वन

बिहार में 2015-16 और 2019-21 के बीच सभी राज्यों की तुलना में गरीबी में सर्वाधिक कमी आई है। इस अवधि के दौरान 2.25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं, बहुआयामी गरीबी सूचकांक के आधार पर नीति आयोग की तैयार की गई रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर गरीबी रेखा से बाहर निकले 13.51 करोड़ लोगों में से 16.65% लोग बिहार से थे।

ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में भी केंद्र सरकार से आगे बिहार।

वर्ष 2015-16 में बिहार में 51% लोग गरीब थे। वहीं 2021 तक गरीबों की संख्या घटकर 33.76% हो गई। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 56% से घटकर 36.95% हो गई। मतलब
पांच वर्षों में बिहार की ग्रामीण गरीबी में 19.25 % की कमी आई। वहीं इस दौरान
राष्ट्रीय ग्रामीण गरीबी में महज 13.31% की कमी आई।

नीति आयोग के बहुआमी मापदंडों का आधार।

  1. स्वास्थ्य।
  2. शिक्षा।
    3.परिवारों का जीवन स्तर है।
    4.National Family Health Survey–5(NFHS–5) से संबंधित आंकड़े हैं।
    5.रिपोर्ट का आंकड़ा वर्ष 2019–21का है।

Niti aayog की रिपोर्ट के अनुसार बिहार ने किन क्षेत्रों में किया सबसे बेहतर काम।

बिजली कनेक्शन।
शौचालय की सुविधा।
स्वच्छ घरेलू ईंधन।
बैंक खाता खुलवाना।
साफ–सफाई।
पीने का साफ पानी।
पोषण का स्तर।
प्रसूति महिलाओं के लिए चिकित्सकीय देखभाल।
आवासीय सुविधाएं।
संपति की स्थिति।

बिहार की इस शानदार उपलब्धि का कारण शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों के बजट में लगातार वृद्धि है। नीति आयोग के ज्यादातर मापदंड सात निश्चय भाग एक और दो की सफलता से जुड़े हैं। वहीं कृषि रोडमैप, पशुपालन और बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं से यह लक्ष्य हासिल हुए हैं।

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