
जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद कुछ बातें चर्चा-ए-आम हो गईं। “जिसकी संख्या जितनी भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी” वाले कथन सोशल मीडिया पर पोस्ट होने लगे। राजद के द्वारा भी इस तरह की बातें की जाने लगी।The India Top विधानसभा में यादवों की स्थिति कैसी है इसकी पड़ताल की है। हमने बिहार में यादव जाति की संख्या और सरकार में उनके हस्तक्षेप जाना है। बिहार में यादव विधायकों की संख्या जाति के अनुपात में ज्यादा पायी गई। एमवाई समीकरण में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है। जिसके बाद मुस्लिमों को बराबर अधिकार देने की बात भी शुरू हो गई है।
विधानसभा में यादवों की स्थिति कैसी है?
वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में यादव जाति के 61 विधायक थे। इसके बाद 2020 में बिहार विधानसभा में 52 यादव विधायक चुनकर आए। जिनमें से राष्ट्रीय जनता दल में 35 यादव विधायक हैं। वहीं जदयू में पांच और बीजेपी में छह यादव विधायक हैं। दूसरी पार्टियों की बात करें तो VIP, CPM और कांग्रेस पार्टी में एक-एक यादव विधायक हैं। वहीं भाकपा(माले) में यादव विधायकों की संख्या दो है। इस प्रकार कुल 52 यादव विधायक बिहार विधानसभा में हैं।
आंकड़ों के अनुसार यादव विधायकों की संख्या में 2015 की तुलना में कमी आई है। लेकिन जातीय गणना के आंकड़ों से विधायकों की संख्या को देखें तो यह नंबर ज्यादा लगता है। जातीय गणना के आंकड़े में यादवों की संख्या 14 प्रतिशत बताई गई है। इस हिसाब से 243 विधानसभा सीट में 35 विधायक यादव जाति के होने चाहिए। लेकिन वर्तमान में 52 विधायक यादव जाति से हैं। यानि की संख्यावार जातीय गणना के अनुसार 17 विधायक ज्यादा हैं। वहीं प्रतिशत के आधार पर देखें तो वर्तमान में यादव विधायक 21.05 प्रतिशत हैं। जातीय गणना के आंकड़े की तुलना में लगभग 7 प्रतिशत यादव विधायक ज्यादा हैं।
नीतीश कैबिनेट में यादवों की स्थिति!
नीतीश कैबिनेट में वर्तमान में 31मंत्री हैं। जिसमें से यादव जाति के 7 मंत्री हैं। नीतीश सरकार में 10 मंत्रालय यादव नेताओं के पास है। जो कि राज्य सरकार के बजट का 37 % पर दखल रखते हैं। आइए जानते हैं कि यादव नेताओं के पास कौन-कौन सा मंत्रालय है।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालय।
पथ निर्माण एवं लोक निर्माण विभाग।
ग्रामीण विकास, वन एवं पर्यावरण।
ऊर्जा एवं सहकारिता मंत्रालय।
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