
लोकसभा चुनाव को लेकर इसबार बिहार में राजनीतिक हलचल तेज है। सबकी निगाहें नीतीश कुमार के एक-एक कदम पर है। नीतीश के द्वारा भाकपा रैली में कांग्रेस पर हमला और जदयू नेताओं से मुलाकात। इन सबसे एक बार फिर सबकी निगाह नीतीश कुमार की तरफ है।
पटना, 05 नवम्बर: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण विपक्षी गठबंधन की हलचल थम गई है। पहले जैसी बैठकें और चुनावी बैठकें नहीं हो रही हैं। इनसब को लेकर नीतीश कुमार कुछ खासे परेशान दिख रहे हैं। जिस इंडिया गठबंधन की नींव नीतीश ने रखी, वो गुम सी हो गई है। इन सबके पीछे की वजह कांग्रेस की विधानसभा चुनावों में व्यस्तता है। इसी कारण नीतीश कुमार ने सीपीआई की सभा में इसकी खीझ निकाली। Nitish Kumar ने मंच से कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश चुनाव में व्यस्त है। इसलिए विपक्षी गठबंधन का काम आगे नहीं बढ़ रहा है। कांग्रेस जब फ्री होगी तो आगे की बातचीत शुरू होगी।
किन जदयू नेताओं से मिले नीतीश कुमार?
नीतीश ने अपने बयान के बाद जदयू के नेताओं से मुलाकात की। यह मुलाकात सामान्य नहीं थी क्योंकि यह पार्टी कार्यालय की जगह आवास पर हुई। सामान्यतःनेताओं को सीएम आवास बुलाया जाता है। लेकिन नीतीश जी ने ललन सिंह एवं विजय चौधरी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से आधे घंटे मुलाकात हुई। इसके बाद नीतीश कुमार ने विजय चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की। रविवार को इन दोनों मुलाकात से पहले नीतीश ने वशिष्ट नारायण सिंह से मुलाकात की।
कांग्रेस नेता खरगे ने नीतीश कुमार को मनाया!
इन मुलाकातों के कारण इंडिया गठबंधन के अंदर बाहर हलचल होने लगी। इनसब के बीच कांग्रेस ने संतुलन बनाने की कोशिश की। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने Nitish Kumar को फोन किया। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। जाहिर है कि नीतीश के बयान के बाद कांग्रेस ने पहल कर संबंधों को ठीक किया। इंडिया गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार की दुविधा का समाधान किया गया। हलांकि नीतीश कुमार की इस चाल से महागठबंधन में चर्चा तेज होने लगी। क्योंकि यह सब घटनाक्रम अमित शाह की बिहार रैली के समय हो रहा था।