एक दौर था जब ‘अल्लाह के बंदे हंस दे…’ गीत बजता था, तो हर कोई इस गीत को सुनने के लिए ठिठक जाता था और यह पूछे बिना नहीं रह पाता था कि इस गीत को किसने गाया या फिर यह किस फिल्म का है। जी हां, इसी गीत से कैलाश खेर को इंडस्ट्री में लोकप्रियता हासिल हुई, लेकिन यहां तक का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। कैलाश खेर ने मुंबई में मुफलिसी के दिन गुजारे और उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था जब वह सब कुछ गंवाने के बाद अपना जीवन समाप्त कर लेना चाहते थे।सूफियाना अंदाज और अपने समकालीन गायकों से जुदा आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वाले मशहूर गायक कैलाश खेर 7 जुलाई को 48 वर्ष के हो गए हैं। आज ही के दिन उत्तरप्रदेश के मेरठ शहर में कैलाश खेर का जन्म हुआ था।पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि 1999 में कैलाश खेर हैंडीक्राफ्ट बिजनेस से भी जुड़े रहे। लेकिन अचानक इनको बिजनेस में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ, जिस वजह से इनका पूरा बिजनेस डूब गया। इस सदमे में आकर कैलाश ने एक बार आत्महत्या तक करने की कोशिश की थी।बता दें कि कैलाश खेर ने लगभग 700 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। उनके गानों में भारतीय लोकगीत और सूफी संगीत की झलक है। वे लगभग 10 साल में विश्वभर में करीब 1000 म्यूजिक कॉन्सर्ट में परफॉर्म कर चुके हैं।