
PATNA: केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो जाने वाले बयान पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लेते हैं। उनका कौन दरवाजा है? कोई दरवाजा है। उनका तो एकतरफा छपता ही है और हमलोगों की कोई बात नहीं छपेगी तो हमको क्या जरूरत है नोटिस लेने का हम लोगों के बीच में हैं। मीडियाकर्मी बंधुओं से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे हमें काफी उम्मीद है, आप जरा लोगों से अंदर से जाकर बात कीजिए, तब आपको सही बातों का पता चल जाएगा।
नालंदा जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा तो मेरी जगह ही है। हम यहीं से सभी से बात कर लेते हैं। कुछ खास नहीं है, अब तो सब नॉर्मल हो गया है। हम तो ऐसे जाते ही रहते हैं सबको पता है कि वहां हम कितना काम करवाए हैं। एआई०एम०आई०एम० प्रमुख श्री असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दंगा से भाजपा और जदयू दोनों को फायदा होता है के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में जो रुलिंग हैं उन्हीं के वो एजेंट हैं। जिन पार्टियों के बड़ी संख्या में एम०पी० हैं. उनसे ज्यादा श्री असदुद्दीन ओवैसी का न्यूज छपता है. पूरे देशभर में कहां के रहने वाले हैं और कहा न्यूज छपता है। उनका यहां कुछ है? बहुत पहले जब हम अलग हुए थे तब श्री ओवैसी हमसे मिलना चाहते थे, तो हमने मना कर दिया था। भाजपा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी के इफ्तार वाले बयान पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सुशील कुमार मोदी जी को बोलना ही है। नहीं बोलेंगे तो उनको पार्टी से ही निकाल दिया जाएगा।
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विपक्षी एकता पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रयासरत हैं। जो कुछ भी होगा बाद में सब आपलोगों के नॉलेज में आ जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा दंगाइयों को उल्टा लटकाकर सीधा करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप भूल गए जब 2017 में फिर हम इनलोगों के साथ गए थे तो एक घटना हुई थी. उसमें एक नेता का बेटा शामिल था, तो उसको भी हम अरेस्ट करवाए थे। ये लोग कभी कुछ किए हैं। जो यहां हुआ है आप सभी लोगों को मालूम है।
एक-एक आदमी को पता है कि प्रारंभ से ही हमने क्या- क्या किया है। फेडरल सिस्टम में मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रावधान होता है का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के संविधान को जरा देख लीजिए। शुरु से बना है कि जो भी गवर्नर होते हैं तो क्या केवल उन्हीं से बात की जाती है? या सरकार से कोई बातचीत की जाती है। यह कानून बना हुआ है कि राज्य सरकार की सहमति से कुछ होता है. जो लोग बोल रहे हैं वो कितना दिन से राजनीति में हैं और हमलोग कितना दिन से राजनीति में हैं। श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व में पार्टी थी वो कितना बढ़िया से काम करती थी। आजकल ये लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं सब चीज पर कब्जा कर लिए हैं, केवल अपना प्रचार कर रहे हैं। जहां राज्यों में अच्छा काम होता है उसकी कहीं चर्चा नहीं है। हमलोग इतना काम करते हैं कहीं कोई चर्चा नहीं होती है। केवल बिहार के अखबारों में छप जाती है दो जगहों पर जो कुछ भी हुआ उसको लेकर एक-एक चीजों पर नजर है और पूरे बिहार पर नजर है। इस संदर्भ में हमने तत्काल मिटिंग की थी। सारे अधिकारियों को हमने कह दिया है कि जितने लोग इसमें संलिप्त हैं चाहे वो किसी भी कम्यूनिटी के हों, किसी भी जाति के हों उन पर उचित कार्रवाई की जाय।