
DESK : बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन को डीएम हत्याकांड में रिहा कर दिया गया है. बिहार की सियासत इस बात को लेकर काफी गरमाई हुईं है. गुरुवार को 27 अप्रैल को वह जेल से हमेशा के लिए बाहर आ चुके हैं. उनके साथ अन्य कैदियों को भी रिहा कर दिया गया है. जिसमें कि ज्यादातर राजद के लोग शामिल है.
बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई का कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं. नीतीश सरकार के इस फैसले को आने वाले लोकसभा चुनावों और बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या आनंद मोहन की रिहाई सही है या गलत? इस सवाल को लेकर एक निजी चैनल ने सर्वे किया है. जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं.
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इस सर्वे में लोगों से पूछा गया है कि क्या आनंद मोहन को रिहा करके नीतीश कुमार ने गलती की है?
इसमें 30% लोगों ने इस सवाल का जवाब हां में दिया. वहीं 42% लोग इस फैसले को गलत मान रहे हैं. 28% लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया है. आनंद मोहन की रिहाई का फैसला सही है या गलत? इस सवाल के जवाब में लगभग 25% के करीब लोगों ने इस फैसले को सही बताया. वहीं 30% लोगों ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया. जबकि 45% लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया है.
जब जनता से पूछा गया कि क्या बीजेपी को आनंद मोहन की रिहाई का खुलकर विरोध करना चाहिए?
तो करीब 29 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हाँ बीजेपी को आनंद मोहन की रिहाई का खुलकर विरोध करना चाहिए. 40% लोगों ने बीजेपी को खुलकर विरोध नहीं करने की बात कही है. जबकि एक 30% लोगों ने पता नहीं मैं अपना जवाब दिया है.
विदित हो कि आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए थे. जिसमें उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. बाद में ऊपरी अदालत ने फांसी को उम्रकैद में बदल दिया. बता दे आजाद भारत में आनंद मोहन पहले ऐसे नेता है. जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. वही बाद में अब नीतीश सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव कर दिया. जिसके बाद अब आनंद मोहन की रिहाई हो चुकी है