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महागठबंधन में बीजेपी ने मारी सेंध, अमित शाह से मिलने पहुंचे जीतन राम मांझी!

PATNA : बिहार के महागठबंधन में शामिल दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी अमित शाह से मुलाकात की है. जीतन राम मांझी आज अमित शाह से मिले हैं. इस दौरान उन्होंने अमित शाह से दो बड़ी मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग की. वही सत्येंद्र गौतम मांझी ने अमित शाह को एक ज्ञापन भी सौंपा. सत्येंद्र गौतम मांझी बाबा दशरथ मांझी उद्यान के अध्यक्ष हैं. साथ ही इन्हें ट्री मैन के नाम से भी जाना जाता है.

दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग की जा रही है. इसके लिए गया स्थित समाधि स्थल से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली गई. यह यात्रा ट्रीमैन सत्येंद्र गौतम के नेतृत्व में निकाली गई. 5 मार्च 2023 को बिहार के गया जिले से दिल्ली के लिए यह यात्रा निकली थी. 1 अप्रैल को यह प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंची. 12 सौ किलोमीटर यात्रा तय करने में इन्हें 50 दिन लग गए. यह यात्रा उत्तर प्रदेश में सड़क मार्ग से होते हुए दिल्ली जंतर मंतर तक पहुंची. जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम एवं उत्तर प्रदेश के लोग शामिल थे. सबकी यही मांग थी कि दशरथ मांझी को भारत रत्न मिले.

वहीं अब जीतन राम मांझी के अनुसार से मुलाकात के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने में लगे हैं. उसको लेकर नीतीश कुमार बुधवार को लालू राहुल गांधी, खड़के और अरविंद केजरीवाल से मिले हैं. इन नेताओं से मिलने के बाद विपक्ष के एकजुट होने की बात भी कही है. दूसरी ओर महागठबंधन में सेंध लगाती हुई बीजेपी नजर आ रही है. महागठबंधन में शामिल जीतन राम अमित शाह से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच गए हैं. और इसके बाद से सियासी गलियारे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

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इसमें एक बड़ा सवाल यह भी है कि जीतन राम अचानक ज्ञापन सौंपने क्यों पहुंचे. पहले से मांझी के बीजेपी के संपर्क में होने की चर्चा हो रही थी. खुद मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भाजपा मांझी पर डोरे डाल रही है. वहीं अब इस मुलाकात के बाद चर्चाओं को और बल मिल रहा है.

सवाल यह भी है कि जीतन राम औऱ शाह के मुलाकात में सिर्फ दशरथ मांझी को लेकर बात हुई है. या फिर नया सियासी समीकरण भी बना है. यह तो आगे वक्त ही बताएगा. भले ही नीतीश कुमार और तेजस्वी विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं. लेकिन बिहार में गठबंधन की गुत्थी सुलझाना बहुत मुश्किल होगा. महागठबंधन में कुल 7 पार्टियां हैं. 2024 की चुनाव को लेकर गठबंधन के हर पार्टी की अपनी अलग डिमांड है. ऐसे में नीतीश तेजस्वी के लिए गठबंधन को बचा पाना मुश्किल होगा.

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