
PATNA : शिक्षा मानव जीवन में मौलिक परिवर्तन लाती है। प्रारंभिक शिक्षा के सर्वव्यापीकरण के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना तथा बच्चों के नामांकन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। अब शिक्षा की गुणवता को शतप्रतिशत सुनिश्चित कराना है। शैक्षणिक संस्थानों तथा विद्यार्थियों को गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु सरकार कृत संकल्प है। संयुक्त राष्ट्र संगठन के द्वारा घोषित “टिकाउ विकास के लक्ष्य'(Sustainable Development Goals) के अंतर्गत शत-प्रतिशत साक्षरता एवं माध्यमिक शिक्षा का सर्वव्यापीकरण का लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करना है। बिहार सरकार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं को चलाकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया है।
बिहार विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड योजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। सात निश्चय कार्यक्रम के ‘आर्थिक हल युवाओं का बल’ घटक के तहत उच्च शिक्षा के एजेंडा पर काम करने के लिए इसका आरंभ 02 अक्तूबर, 2016 को हुआ था। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए 4.00 लाख रु. की ऋणराशि दी जाती है। मार्च 2022 तक 2.32 लाख आवेदकों के लिए 5210.98 करोड़ रु. स्वीकृत किए गए हैं। वर्ष 2022-23 में सितंबर तक 38,863 आवेदनों के लिए 714.71 करोड़ रु. स्वीकृत किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के तहत सभी श्रेणी की 61.7 लाख लड़कियों के लिए 146.44 लाख रु. स्वीकृत किए गए हैं। लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभांतरण के जरिए भुगतान किया जाता है। शिक्षाधिकार अधिनियम के तहत, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत नामांकन वंचित और कमजोर तबकों के बच्चों का करने का प्रावधान है। वर्तमान वर्ष में 1.22 लाख बच्चों के लिए 11,869 रु. प्रति बच्चा की दर से प्रतिपूर्ति की व्यवस्था प्रगति पर है।
अभी 21,420 प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के कुल लक्ष्य में से 21,286 नए विद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं, 19,725 प्रारंभिक विद्यालयों को उत्क्रमित करने का लक्ष्य था जिसमें से 19,633 को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित कर दिया गया है। निष्ठा (राष्ट्रीय विद्यालय प्रधान एवं शिक्षक समग्र उन्नति पहल) के तहत माध्यमिक विद्यालयों के 27,287 शिक्षकों, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के 1393 शिक्षकों, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 11,151 शिक्षकों, और सरकारी सहायता प्राप्त उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 255 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने कालक्ष्य है। अगस्त 2021 तक राज्य सरकार के 37,434 शिक्षक प्रशिक्षित हो चुके थे। वर्ष 2022-23 में सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को 12वीं कक्षा तक के लिए उत्क्रमित किया जाएगा। अगले चार वर्षों में सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को ICT@School और स्मार्ट क्लासरूम के तहत लाने की योजना है।
सभी विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, संकाय सदस्यों और समस्त शिक्षाविद समुदाय के लाभ के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केंद्र, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के 15 विश्वविद्यालयों के बीच ‘ई-पुस्तकालय’ की स्थापना के लिए समझौता पत्र हस्ताक्षरित हुआ है। इसके तहत पुस्तकालय स्वचालन, साहित्यिक चोरी की जांच, शोध से संबंधित सभी सामग्री को एकत्र करने के लिए सूचना प्रबंधन प्रणाली, पुस्तकों का केंद्रीय सूचीपत्र, इंटरऍक्टिव डैशबोर्ड आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के बिहार राज्य उच्च शिक्षा परिषद (बीएसएचईसी) ने राज्य में उच्च शिक्षा के संस्थानों का राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रमाणन परिषद (एनएएसी) द्वारा प्रमाणन बढ़ाने के लिए अनेक उपाय किए हैं। उनके द्वारा सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।
उन महाविद्यालयों को प्रशिक्षण दिया गया है जिन्होंने अपने वार्षिक गुणवत्ता सुनिश्चय प्रतिवेदन (एक्यूएआर), गुणवत्ता मूल्यांकन हेतु संस्थान विषयक सूचनाएं (आइआइक्यूए) और स्वयं अध्ययन प्रतिवेदन (एसएसए) नहीं जमा किए हैं। फलतः बिहार के महाविद्यालय परिषद से प्रमाणन के लिए अब इन ” प्रतिवेदनों को जमा करा रहे हैं। प्रमाणन की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य स्तर पर राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।