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विपक्षी एकजुटता के लिए क्यों खास हैं तमिलनाडू सीएम स्टालिन ?

तमिलनाडू में 39 लोकसभा सीटे हैं। 2024 चुनाव के लिहाज से दक्षिणी राज्यों में तमिलनाडू महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। इधर कर्नाटक के परिणाम में कांग्रेस की जीत से विपक्षी पार्टियों के हौसले बुलंद हैं। दक्षिणी राज्यों में बीजेपी का पत्ता पूरी तरह से साफ हो गया। इस स्थिति को बनाए रखने और विपक्षी एकजुटता को दक्षिण में मजबूत करने के लिए नीतीश कुमार, स्टालिन से मिलने वाले थे। लेकिन अंतिम समय में स्वास्थ्य कारणों के कारण नीतीश का तमिलनाडू दौरा रद्द हो गया। बिहार के सीएम नीतीश कुमार का दौरा रद्द होने की वजह से संजय झा को मौका दिया गया है। तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टालिन को 23 जून की बैठक में आमंत्रित करने के लिए तेजस्वी यादव और संजय झा ने मुलाकात की। हलांकि इससे पहले भी स्टालिन को न्यौता भेजा जा चुका था, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी से थोड़ी तल्खी होने के कारण महागठबंधन के नेता फिर से तमिलनाडु पहुंचे हैं।

23 जून को होगा महाजमावड़ा
बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को हो रही महागठबंधन की बैठक बहुत महत्पूर्ण मानी जा रही है। एक अणे मार्ग स्थित नेकसंवाद कक्ष में विपक्षी पार्टियों के सभी बड़े नेताओं का महाजमावड़ा होने वाला है। बताया जा रहा है कि इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्ष जीत की बढ़ रहा है कि नहीं। बैठक में सभी नेता एक फैसले पर सहमत हो जाते हैं तो यह बीजेपी के लिए खतरे का संकेत होगा। 23 जून की बैठक से ही विपक्ष और बीजेपी दोनों की किस्मत का फैसला हो जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम विपक्ष की सक्रियता पर पूरी तरह निर्धारित होंगे।

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