
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के बाद चर्चा होने लगी कि क्या विपक्ष की राजनीति भी प्रभावित होगी। जैसे ही अजित पवार और बीजेपी साथ आए, वैसे ही महाराष्ट्र और देश की राजनीति में नई चर्चा होने लगी। इसके बाद राजनीतिक पंडितों ने जोड़ घटाव करना शुरू कर दिया। शरद पवार ने भी सामने से कमान संभाली। कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने शरद पवार को कॉल कर साथ रहने की बात को दुहराया। लेकिन आंकड़ों की बात की जाए तो विपक्ष को नुकसान होता दिख रहा है। अगर NCP के सभी विधायक BJP के साथ जाते हैं तो नीतीश की मुहिम महाराष्ट्र में कमजोर पड़ेगी।
महाराष्ट्र की राजनीति में क्या खेला हुआ?
शरद पवार की NCP पार्टी में सेंधमारी हुई है। भतीजे अजित पवार ने पाला बदला और बीजेपी गुट के साथ मिल गए। जिसके लिए इनाम में अजित पवार को उपहार स्वरूप उपमुख्यमंत्री का पद मिला। अजित पवार ने BJP और एकनाथ शिंदे की शिव सेना से हाथ मिला लिया। अजित पवार के साथ-साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार ने दावा किया है कि NCP के 53 में से 40 विधायक उनके साथ हैं। इसलिए उनके लोगों पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है।
हमारी असली ताकत जनता है-शरद पवार
Sharad Pawar का कहना है कि पार्टी के विधायक उनके साथ हैं और रहेंगे। शरद पवार ने ट्विट करके कहा कि पार्टी उनकी है उसे वो NCP को फिर से खड़ा कर लेंगे। उन्होंने लिखा कि 1980 में भी इसी तरह पार्टी बिखर गयी थी। जिसे उन्होंने फिर से इस मुकाम तक पहुंचा दिया। वहीं शरद पवार ने कहा, ‘मुझे देश के हर कोने से समर्थन मिल रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी ने मुझे कॉल किया। शरद पवार ने बताया कि जल्द ही वह कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ हालात की समीक्षा करेंगे। शरद पवार ने कहा कि हमारी असली ताकत आम जनता है, उन्होंने हमें चुना है। शरद पवार ने कहा कि चुनावों में महाराष्ट्र के साथ-साथ देश में भी बीजेपी को जनता सबक सिखाएगी।