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अविश्वास प्रस्ताव के बहाने होगा INDIA का शक्ति प्रदर्शन! क्या No Confidence Motion बढ़ा पाएगा विपक्ष का Confidence?

विपक्ष ने पटना और बैंगलुरू में दो लगातार बैठके की। दोनों बैठकों में 26 पार्टियों ने भाग लिया। बैंगलुरू की बैठक के साथ NDA ने भी बैठक की। NDA की बैठक में 38 दल शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इसमें गैर एडीए पार्टी भी शामिल हुई। लेकिन विपक्ष की बैठक से एनडीए खेमे में हलचल जरूर मच गई। बैंगलुरू बैठक में विपक्ष ने गठबंधन का नाम INDIA रखा इसलिए हलचल मच गई।

ताजा खबर यह है कि मानसून सत्र में मणिपुर और तमाम मुद्दों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। बीजेपी सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस ने लाया है। प्रस्ताव को संसद ने मंजूरी दे दी है। विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक खींचतान के बीच इस प्रस्ताव का आना खास मायने रखता है। राजनीति जानकारों का कहना है कि दोनों गठबंधन इसके माध्यम से अपनी असली स्थिति को समझने का प्रयास करेंगे। अविश्वास प्रस्ताव में पड़ने वाले वोट से INDIA गठबंधन को अपने संभावित सहयोगियों की पहचान होगी। वहीं NDA गठबंधन अपने संभावित खतरे को समझ पाएगी।

वहीं कुछ लोग चुनावी गणित से अलग इस मसले को देख रहे हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव के बहाने पीएम मोदी को मणिपुर मामले पर प्रत्यक्ष जवाब देना होगा। जिसके लिए विपक्ष बार-बार यह कह रही थी कि मोदी जी मणिपुर में चुप क्यों हैं। राज्य और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार होने के बावजूद सरकार असमर्थ क्यूं दिख रही है? अविश्वास प्रस्ताव के बहाने जनता और विपक्ष दोनों को इस सवाल का जवाब मिल जाएगा।

इसके साथ ही वोटिंग हुई तो दोनों गठबंधन को 2024 के लिए सही आंकड़े मिल जाएंगे। इसमें एक पक्ष यह भी है कि कांग्रेस के नेतृत्व को कितने विपक्षी स्वीकार करते हैं इसका भी पता चल जाएगा। Who will lead I.N.D.I.A इसका जवाब भी सामने आ जाएगा।

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