
दिल्ली में एक नये संसद भवन का उद्घाटन समारोह मनाया गया। सेंट्रल विस्टा के प्रोजेक्ट के तहत बने संसद भवन में प्रवेश के लिए विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने पूजा अनुष्ठान किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजतंत्र में न्याय के प्रतिक सेंगोल अर्थात् राजदण्ड को धारण किया। देश की राजधानी दिल्ली में जहां यह सब कार्यक्रम आयोजित हो रहा था वहां बस थोड़ी ही दूर जंतर-मंतर के पास लोकतंत्र के मूल्यों का दमन किया जा रहा था। बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के द्वारा किये गए अत्याचारों के खिलाफ, गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवान एथलिटों को धरना प्रदर्शन से जबरन खदेड़ा गया। दुनिया में भारत का मान बढ़ाने वाली बेटियां एक तरफ सड़कों पर घसीटी जा रही थी और दूसरी तरफ लोकतंत्र के मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलता रहा।
आरोपी की गिरफ्तारी नहीं और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जेल!
जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें सिर्फ एक सवाल का जवाब चाहिए कि नाबालिग खिलाड़ियों का यौन शोषण का आरोपी बीजेपी सांसद ब्रज भूषण की गिरफ्तारी अबतक क्यों नहीं हुई है। सरकार दोषी को घूमने दे रही है और देश का मान बढ़ाने वाले पहलवानों को पकड़-पकड़कर जेल में डाल रही है।
महिला आयोग ने भी कार्रवाई पर जताई नाराजगी
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालिवाल ने ट्विट कर कहा कि “इन लड़कियों ने विदेशी सरजमीं पर तिरंगा ऊंचा किया था, आज इन बेटियों को ऐसे घसीटा जा रहा है और तिरंगा ऐसे सड़क पर अपमानित किया जा रहा है।“