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सैंड आर्टिस्ट ने बनाई गणेश चतुर्थी के मौके पर बप्पा की खूबसूरत मूर्ति, बच्चों ने बनाई इको-फ्रेंडली मूर्ति

द इंडिया टॉप ,सेंट्रल डेस्क; आज गणेश चतुर्थी के मौके पर, पंडालों में गणेश जी की मूर्तियां भक्तों द्वारा पूजा,आराधना करने के लिए स्थापित की जा रही है। जिस तरह से बिहार में काफी बड़े स्तर पर नवरात्र मनाया जाता है। ठीक उसी तरह महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की हर साल धूम रहती है। इन दस दिनों तक पूरा महाराष्ट्र बप्पा की आराधना में मगन रहता है। महाराष्ट्र की पहचान ही वहां के गणेशोत्सव और उसे मानाने के तरीके से होती है । खैर, वहां से निकलकर अपने राज्य बिहार की बात करें तो यहां भी बाप्पा के स्वागत, सत्कार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी जाती है। बिहार में रह रहे मराठी परिवार की तरफ से गणेश चतुर्थी की तैयारियां ज़ोर शोर से पूरी कर ली गई हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर पटना के किलकारी भवन में भी विघ्नहर्ता का आह्वान किया गया। हालांकि इसका तरीका जरा हटके था।

किलकारी भवन में सैंड आर्टिस्ट ने बप्पा की मूर्ति को रेत पर बनाया जिसकी काफी प्रशंशा और सराहना की जा रही है जो कि काफी सराहनीय है। इको-फ्रेंडली मूर्ति बनाकर पर्यावरण बचाने का बेहतरीन सन्देश सैंड आर्टिस्ट्स द्वारा दिया गया। इस मूर्ति में भगवान गणेश को लेटे हुई मुद्रा में दिखाया गया है और साथ ही साथ उनका पसंदीदा मिष्ठान लड्डू भी उनके करीब रखा हुआ मूर्ति में दर्शाया गया। यह आकृति को पटना सिटी के निवासी सैंड आर्टिस्ट रूपेश कुमार द्वारा बनाया गया है। आर्टिस्ट रूपेश ने बताया कि यहां बच्चों को इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा बनाना सिखाया गया है। जिसको लेकर बच्चो में एक अलग तरीके का उत्साह पाया गया। रूपेश बालू की आकृति बनाने में बेहद माहिर माने जाते है। कई अवसरों पर इन्होंने गंगा किनारे कई तरह की बेहतरीन आकृति बनाई है जिसे दूर दूर से लोग देखने के लिए भी पहुचते है और उनकी प्रशंशा करते है। इस बालू के रेत से निर्मित गणेश जी की मूर्ति को देखने के लिए भी लोग काफी उत्साहित पाए जा रहे है और मूर्ति देखने के लिए लोग दूर दूर से पहुच रहे हैं।

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