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आदिपुरूषः- क्या Dialogue बदलने से थम जाएगा विवाद?

ओम राउत की फिल्म आदिपुरूष को लेकर रोज नया विवाद सामने आ रहा है। फिल्म के संवाद को लेकर जनता में अच्छी खासी नाराजगी है। जन आक्रोश को देखते हुए फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर ने जनता के सामने अपना पक्ष रखा। उनका कहना था कि फिल्म की कहानी रामायण से प्रेरित है और इसे रामायण नहीं समझा जाए। हलांकि मनोज मुंतशिर ने यह भी कहा कि सनातनी भावना को अगर मेरी रचना से ठेस पहुंची है तो फिल्म के संवाद में एक सप्ताह के अंदर बदलाव किए जाएंगे।

विवादित डायलॉग जिन्हें बदला जाएगा-
1- हनुमानजी और रावण पुत्र इंद्रजीत का संवाद – “कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की।“
2- रावण की सभा में हनुमानजी का संवाद- “जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा उनकी लंका लगा देंगे।“
3-रावण पुत्र इंद्रजीत का हनुमानजी से संवाद- “तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया।“
4- लक्ष्मण जी के मूर्क्षित होने पर रावण पुत्र इंद्रजीत ने कहा।– “मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।“
5- विभीषण का रावण से संवाद – “आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।“

क्या डायलॉग के साथ दृश्य भी एडिट होंगे?

आदिपुरूष फिल्म के डायलॉग बदलाव पर तो सहमति बन गई है। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट में किए गए मुकदमें में कुछ सीन को लेकर भी आपत्ति दर्ज की गयी है। सीन को हटाने को लेकर अभी तक फिल्म निर्माताओं की तरफ से कोई बयान नहीं आया। फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों को सोशल मीडिया पर खुब पोस्ट करके विरोध जताया जा रहा है। हलांकि The India Top इन तस्वीरों को पुष्टि नहीं करता है। लेकिन जब इस बारे में हमने दर्शकों से बात की तो उनका कहना है कि डॉयलॉग के साथ-साथ कई सारे दृश्य भी बदलने चाहिए।

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