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नीतीश के साथ सियासी संबंधों के सवाल पर मुस्कुराए PK- सारे कयास गलत, साथ काम करना और सहमति दोनों अलग विषय

प्रशांत किशोर की पॉलिटिकल पार्टी को लेकर बिहार में चर्चा गरम है. खुद PK ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके (एक एक कर सभी मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. इसी क्रम में प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि उनके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से क्या सियासी संबंध हैं? पिछले महीने जो आंकलन किये गए उनकी क्या सच्चाई है? इस सवाल पर पीके पहले मुस्काराए फिर उन्होंने सधे अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश के साथ उनके आज भी अच्छे संबंध हैं. ये जगजाहिर है कि उन्होंने 2015 से वो नीतीश के साथ काम कराना शुरू किया. लेकिन साथ काम करना और किसी मुद्दे पर सहमत होना दूसरी बात है. मुख्यमंत्री होने के नाते नीतीश जी जब भी बुलाते हैं वो जाते हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि मैने 2015 में नीतीश के साथ महागठबंधन में नीतीश के साथ काम किया. नीतीश कुमार जी से मेरा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है. मेरा आज भी सीएम नीतीश से अच्छे संबंध हैं. लेकिन व्यक्ति संबंध होना एक बात है और साथ में काम करना या उसपर सहमति होना दूसरी बात है. नीतीश जी जब कोविड होने के बाद पहली बार दिल्ली आए तो उनसे मैने मुलाकत की. उस दौरान तमाम कयास बाजी शुरू हो गई. किसी ने कहा कि मैं उन्हें प्रेसीडेंट कैंडिडेट बना रहा हूं. कोई कहा कि मैं जेडीयू ज्वाइन कर रहा हूं. आज मैं आपके सामने हूं और आज सारे कयास गलत साबित हुए.

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार जब कोविड होने के बाद पहली बार दिल्ली आए तो उनसे मिले और साथ में खाना भी खाया. तब उस मुलाकात को लेकर तरह तरह के सियासी कयास लगाए जा रहे थे. चर्चा शुरू हो गई थी कि प्रशांत किशोर नीतीश को राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाने जा रहे हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. आज वो मीडिया के सामने बैठे हुए हैं और तमाम कयासबाजी गलत साबित हो रही है. प्रशांत किशोर ने कहा कि सामाजिक राजनीतिक जीवन में व्यक्तिगत शिष्टाचार से विमुख नहीं हो सकते हैं.

बता दें कि 2015 से ही प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के साथ जुड़े. तब बिहार में महागठबंधन को भारी जीत मिली थी. प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने पहले तो मंत्री का दर्जा दिया उसके बाद पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया. नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को एक तरीके से उत्तराधिकारी भी करार दिया था बाद के दिनों में आरसीपी सिंह से टकराव और बड़बोले पन के चलते प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाल दिया गया

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