
धरना-प्रदर्शन के दौरान 60 से अधिक कोच तथा 10 से अधिक इंजन को आग से क्षतिग्रस्त किया गया है. इस तरह लगभग 320 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कई स्टेशनों पर अवस्थित रेल संपत्ति सिगनलिंग सिस्टम, परिचालन से जुड़े उपकरण, यात्री सुविधाओं से जुड़े सामान आदि को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है. अगर इसका आकलन किया जाये तो नुकसान की राशि और बढ़ेगी. रेलवे की ओर से इसका आकलन व मूल्यांकन हो रहा है.जानकारों की माने तो एक कोच के निर्माण पर लगभग दो करोड़ खर्च होता है, जबकि एक इंजन के निर्माण में लगभग 20 करोड़ खर्च होता है.एक तरह से यह नुकसान सभी लोगों का हो रहा है. जिससे सुविधा मिल रही है. विरोध करने का तरीका और भी है. रेलवे ने भी राष्ट्रीय संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचाने की अपील की है.
धरना प्रदर्शन को लेकर ट्रेनों के रद्द होने से फंसे यात्री की मदद रेलवे की ओर से किया जा रहा है. पूमरे के सीपीआरओ ने बताया कि सभी प्रमुख स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर खोला गया है. प्राथमिकता के आधार पर टिकट की वापसी सुनिश्चित की जा रही है.
टिकट रिफंड में कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जा रहा है. स्टेशनों पर नकदी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.फंसे हुए यात्रियों को पानी, चाय और खाना की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. जमानिया स्टेशन पर गाड़ी संख्या 13258 के यात्री की मांग पर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. मोहिउद्दीन नगर स्टेशन पर गाड़ी संख्या 15652 लोहित एक्सप्रेस को रोक कर आग लगाने के बाद दूसरे रेक से बरौनी और बेगूसराय में लगभग 350 यात्रयों को कटिहार के लिए रवाना किया गया. इसके साथ ही चंडीगढ़-डिब्रूगढ एक्सप्रेस, अवध-आसाम एक्सप्रेस तथा अरूणाचल एक्सप्रेस से आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया.