
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सवाल पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अग्निवीर के विरोध के बीच अब उन्होंने स्त्नातक सत्र रेगुलर कराने की मांग कर दी है। संजय जायसवाल का कहना है कि तीन साल में बच्चों के ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी होनी चाहिए। सरकार सेशन की देरी पर ध्यान दें.
संजय जायसवाल ने कहा कि मुझे तो हंसी आती है कि जेडीयू ने भी कह दिया कि अग्निपथ योजना पर पुर्नविचार करना चाहिए। उनके पास शिक्षा मंत्रालय है। वो खुद भी पुर्नविचार कर सकते हैं। हैरत की बात तो ये है कि अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान संजय जायसवाल के आवास पर भी हमला हुआ था। इस दौरान उन्होंने प्रशासन की लापरवाही बता दी थी। अब जायसवाल ने जेडीयू को घेरे में ले लिया है।
प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि जेडीयू ने पुनर्विचार की मांग की थी। जब उनके पास शिक्षा मंत्रालय है तो वो खुद क्यों नहीं पुर्नविचार कर सकते। सरकार पहले स्त्नातक सत्र रेगुलर करा दे और सेशन की देरी पर ध्यान दे.
बता दें कि भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ स्कीम के विरोध में बिहार में हुए उग्र प्रदर्शन के बाद एनडीए में घमासान जारी है. बीजेपी और जदयू दोनों दलों के बयानबाजी से सियासी लपटें तेज हो रही है. अग्निपथ स्कीम के विरोध में बिहार में हुए उग्र प्रदर्शन के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने पार्टी दफ्तरों और बीजेपी नेताओं के घर पर हो रहे हमले को लेकर सवाल उठाया था. अपनी ही सरकार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर पुलिस चाहती तो प्रदर्शनकारियों को रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. जिसके जवाब में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि संजय जायसवाल अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, इसलिए वह ऐसा आरोप लगा रहे हैं. उसके बाद से बीजेपी और जदयू दोनों दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी तेज है.