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बिहार में मठों व मंदिरों पर होगा कार्रवाई, 15 जुलाई तक कराना होगा रजिस्ट्रेशन

बिहार सरकार ने 15 जुलाई तक सभी सार्वजनिक मंदिर-मठ व ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश जारी किया है. रजिस्ट्रेशन, बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में कराना होगा. कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ अन्य प्रशासनिक विकल्प तलाशा जाएगा और उनपर कार्रवाई की जाएगी. मंदिर-मठों की जमीन के रजिस्ट्रेशन भगवान के नाम पर होगा.

बता दें कि बिहार सरकार सभी सार्वजनिक मठ, मंदिर, ट्रस्ट की जमीन को सुरक्षित रखने का अभियान चलाई हुई है. यह जानने को रजिस्ट्रेशन हो रहा है कि आखिर इनके पास कितनी जमीन है? राज्य सरकार की वर्तमान आकड़े की माने तो, 35 जिलों में 2512 अन रजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं. इनके पास 4321.64 एकड़ जमीन है.

आकड़े के मुताबिक, सबसे अधिक मंदिर और मठ वैशाली जिला में हैं. जिसकी संख्या 438 है. राज्य में अब तक 2499 मंदिर और मठ रजिस्टर्ड हो चुके हैं. इनके पास 18456.95 एकड़ जमीन है. इस जमीन की जल्द घेराबंदी होगी. जिला प्रशासन को 15 जुलाई तक धार्मिक न्यास पर्षद की साइट पर जमीन की जानकारी अपलोड करने का जिम्मा दिया गया है. सीएम 15 जुलाई के बाद वेबसाइट को जारी करेंगे.

कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां यह कवायद हो रही है. बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के अनुसार प्रदेश में सभी सार्वजनिक मंदिर, मठ, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को धार्मिक न्यास पर्षद में रजिस्टर्ड होना चाहिए. सरकार की जांच में पता चला है कि इनकी संपत्तियों को बेचने-खरीदने में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं. यह दुरुस्त की जाएंगी.

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