विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह पता लगाने के लिए अगले चरण की जांच के लिए योजनाएं बनायी है कि कोरोना वायरस महामारी कैसे शुरू हुई लेकिन इस बीच कई वैज्ञानिकों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की यह एजेंसी इस काम के लिए उचित नहीं है और उसे इसकी जांच नहीं करनी चाहिए।डब्ल्यूएचओ से मजबूत संबंध रखने वाले विशेषज्ञों समेत कई विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच राजनीतिक तनाव ने एजेंसी के लिए विश्वसनीय जवाब ढूंढने के उद्देश्य से जांच करना असंभव बना दिया है।कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ-चीन के संयुक्त अध्ययन के पहले हिस्से का मार्च में निष्कर्ष निकला था कि यह वायरस संभवत: पशुओं से मनुष्यों में आया और इसके प्रयोगशाला से लीक होने की ‘‘संभावना बेहद कम है।’’जांच के अगले चरण में मनुष्यों में इस वायरस के पहले मामले की विस्तार से या इसके लिए कौन-से पशु जिम्मेदार है, यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि कोरोना वायरस संभवत: चमगादड़ों से फैला। इस महामारी के प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना ने हाल ही में तब गति पकड़ी जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका की खुफिया सेवा को 90 दिनों के भीतर इसकी पड़ताल करने का आदेश दिया।
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