छत्तीसगढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के थिएटर विभाग द्वारा आजादी अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ की महिलाओं का योगदान’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल एवं खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति अनुसुइया उइके उपस्थित रहीं।कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री मोक्षदा (ममता) चंद्राकर ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारतवर्ष की महिलाओं ने देश की आजादी में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया है भारतीय नारी ने सदैव ही मानव कल्याण की दिशा में स्वयं को तपाते हुए मानवता की राह को सुगम बनाया है।श्रीमति चंद्राकर ने वेबिनार में जुड़े सभी अतिथियों का आभासी पटल पर स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार,सुचिंतित समीक्षक और शिक्षाविद शशांक शर्मा जुड़े। श्री शर्मा ने विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता के साथ लिखे गए भारत के इतिहास को फिर से समझने और जानने की जरुरत है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन सिर्फ राजनैतिक आन्दोलन नहीं था बल्कि वह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन भी था जिसमें एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा समाज सक्रिय था इसलिए इसे सिर्फ राजनैतिक आन्दोलन कहना नाइंसाफी है। श्री शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ की महिलाओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है छत्तीसगढ़ के जनजाति क्षेत्रों में कई ऐसी गुमनाम महिलाएं हुई जिन्होंने देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया आज जरुरत है हम अपने इतिहास के साथ न्याय करें और स्वराज और सत्याग्रह में शामिल महिलाओं को समाज के सामने लाएं। श्री शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया कि वह इस दिशा में नए शोधार्थी तैयार करें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जुड़ी छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि आज के वेबिनार का विषय महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान की पैरवी करता है।महामहिम राज्यपाल ने कहा कि देश के इतिहाकारों ने इतिहास का सही से आंकलन नहीं किया है आज भी बेला बाई, रुक्मणी बाई जैसी महान वीरांगनाओं के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।इन महान महिलाओं ने छत्तीसगढ़ में रहते हुए देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज जरुरत है वर्तमान पीढ़ी महिलाओं को केंद्र में रख छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश की ऐतिहासिक विरासत और गौरवशाली संस्कृति की जानकारी रखे। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो आई.डी तिवारी ने सभी विद्वतजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य और थियेटर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.योगेंद्र चौबे ने किया। वेबिनार में दिल्ली,पटना,मुंबई,नागपुर,भोपाल,रायपुर सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग जुड़े।
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