कोरोना के समय जब पूरा देश लगभग थम सा गया था तब 40 साल के दानिश सिद्दीकी के कैमरे ने ऐसी तस्वीरें खींची जिन्होंने देश ही नहीं दुनिया को हिला कर रख दिया। लेकिन 16 जुलाई को दानिश की जो तस्वीर सामने आई उससे उनके चाहने वाले हैरान हैं। उनके दोस्त सदमे में हैं, परिवार शोक में डूबा है। क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबानी हमले में दानिश की जान चली गई। वे गुरुवार रात पाकिस्तान की सीमा से सटे कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में तालिबानी आतंकियों और अफगानी सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ को कवर कर रहे थे।दानिश के दोस्त शम्स रजा ने देश के प्रतिष्ठित अख़बार दैनिक भास्कर को बताया कि दानिश कहते थे, ‘देखना जब मैं तस्वीरें खीचूंगा और उन पर लिखूंगा तो दुनिया उन्हें इग्नोर नहीं कर पाएगी, लोग भले मुझे न पहचाने पर तस्वीरें भूल नहीं पाएंगे।’सबकी एक ही गुहार है कि जल्द से जल्द दानिश का शव भारत लाया जाए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक शव लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन किस वक्त शव आएगा, इसका जवाब अभी मंत्रालय के पास नहीं है।
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