
बिहार के नियोजित शिक्षकों की मांग जल्द पूरी हो सकती है। नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं। अभी हाल ही में BPSC के माध्यम से शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। एक लाख 70 हजार शिक्षकों की इस भर्ती में एक बात खास थी। नव चयनित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना तय हुआ था। इस घोषणा के बाद से विभिन्न शिक्षक संगठन पुनः सक्रिय हो गए। उन्होंने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को तेज कर दिया। सरकार ने कहा कि राज्यकर्मी बनना है तो BPSC की Teacher भर्ती में शामिल हों।
शिक्षकों की मांग आंदोलन का रूप लेने लगी। 14 शिक्षक संगठनों ने बिहार शिक्षक संघ मोर्चा बनाया। इस मोर्चे के माध्यम से सरकार से संवाद स्थापित किया गया। शिक्षकों ने राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन भी किए। मानसून सत्र के दौरान राज्य के वित्तमंत्री ने कहा था कि शिक्षकों की मांग पर सरकार गंभीर है। मंत्री ने कहा था कि Nitish Kumar शिक्षक संघ से वार्ता कर हल निकाल रहे हैं। हलांकि अब यह लगभग साफ हो गया है कि 15 अगस्त को शिक्षकों को खुशखबरी मिल जाएगी।
राज्यकर्मी बनाने से क्या-क्या हो सकता है?
1.चार लाख शिक्षक राज्यकर्मी बन जाएंगे।
2.नियोजन इकाई की जगह जिलास्तर के शिक्षक हे जाएंगे।
3. तबादला जिला स्तर पर होगा, नियोजन स्तर पर नहीं।
4. सभी 9300 नियोजन इकाइयां भंग होंगी।
5. नियोक्ता जिला शिक्षा पदाधिकारी माने जाएंगे।
6. बिहार सरकार पर 1500 करोड़ का भार बढ़ेगा।
7. शिक्षकों को न्यू पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा।
शिक्षक संघ के द्वारा बगैर वेतन वृद्धि राज्यकर्मी का दर्जा मांगा गया था। बिहार सरकार के द्वारा इस मामले में जल्द ही निर्णय लेने की बात कही गयी थी। अब महागठबंधन इस मुद्दे पर चर्चा करके जल्द ही फैसला ले सकती है। मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि 15 अगस्त गांधी मैदान से इसकी घोषणा होगी।
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