राज्य के बाढ़ वाले इलाके में नदियां फिर उफान पर हैं। उत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में बारिश से नदियों में तेजी से पानी बढ़ा है। वाल्मीकिनगर बराज से शुक्रवार की सुबह दो लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बगहा में धनहा-रतवल मुख्य मार्ग ध्वस्त हो गया था। इससे यूपी-बिहार का संपर्क भंग हो गया। हालांकि पांच घंटे की मशक्कत के बाद इसे ठीक कर आवागमन बहाल कर दिया गया। बेतिया में लौरिया से नरकटियागंज का सड़क संपर्क भंग हो गया। मैनाटांड़-बेतिया मुख्य मार्ग में दो फुट पानी बह रहा है। गौनाहा के आधा दर्जन गांवों का मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है। सिकटा में ओरिया व सदभावंका नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गौनाहा प्रखंड के जमुनिया के समीप डायवर्सन बह गया है।
शिवहर में बागमती और मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कई गांवों में पानी घुस गया है। बेलवा डैम की सुरक्षा के लिए बनाए गए तटबंध में रिसाव हो रहा। शिवहर-चंपारण स्टेट हाईवे संख्या-54 के बेलवा में सड़क पर 10 फीट से अधिक पानी का बहाव है। शिवहर का चंपारण से सड़क संपर्क भंग हो गया है। मनुषमारा नदी में तेज बहाव जारी रहने से बुनियादगंज में सीतामढ़ी से भी सड़क संपर्क भंग हो गया है। सीतामढ़ी में बागमती नदी ढेंग, सोनाखान, डूबाघाट, चंदौली व कटौझा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मुजफ्फरपुर के कटरा और औराई में भी बागमती का पानी घुस गया है। मधुबनी के मधवापुर में धौंस नदी की तेज धारा में ग्रामीण सड़क डूब गई। वाल्मिकीनगर बराज से पानी छोड़े जाने के कारण शुक्रवार को गंडक नदी का पानी गोपालगंज में जिले के दियारा इलाके में बसे गांवों में फैल गया। सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के 36 गांवों में नदी का पानी प्रवेश कर गया है। जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी व एसपी आनंद कुमार ने इलाके की स्थिति का जायजा लिया। गुरुवार को नेपाल से देर रात 2.64 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।