बिहार में शिक्षक नियोजन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर कितनी सावधानी बरती जा रही है वह बुधवार को गर्दनीबाग स्थित पटना हाई स्कूल स्थित नियोजन सेंटर पर दिखा। यहां पहले 10 रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य। अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद लिस्ट में सुधार करके 605 अभ्यर्थियों की जगह बनाई गई। हद तो यह है कि पटना सचिवालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर पर स्थित पटना हाई स्कूल गर्दनीबाग सेंटर पर यह गड़बड़ी देखने को मिली। गर्दनीबाग के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेंटर पर वर्ग 6 से 8 के लिए जो लिस्ट सेंटर पर चिपकाई गई। उसमें फतुहा में हिंदी विषय में 10 रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए। इसी तरह फतुहा में संस्कृत विषय में पांच रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए।
फतुहा में ही उर्दू विषय में एक रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए। फतुहा से आए हिंदी के अभ्यर्थी को लौट जाने के लिए कहा गया, क्योंकि इसमें बताया गया कि आवेदन ही नहीं आया है। अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे इस बात पर अड़ गए कि उन्होंने फॉर्म गिराया है और उनके पास आवेदन गिराने का प्रमाण स्वरूप रसीद भी है। इसके बाद इसकी खोजबीन शुरू हुई और लिस्ट को सुधारा गया। घंटे भर बाद पुरानी लिस्ट में संशोधन किया गया। अब फतुहा की नई सूची में हिंदी विषय में 10 सीट पर 605 अभ्यर्थी बताए गए। संस्कृत में 5 सीट पर 127 अभ्यर्थी बताए गए और उर्दू में एक सीट पर 5 अभ्यर्थी बताए गए। शिक्षक नियोजन में इस तरह की लापरवाही से कई अभ्यर्थियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
बुधवार को पटना जिले के 15 प्रखंडों में छठी से 8वीं कक्षा के लिए अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 3 केंद्रों पर चल रही है। बताया जा रहा है कि 249 पदों के लिए 16,588 अभ्यर्थी हैं। शिक्षक नियोजन के छठे चरण में दूसरे दिन मंगलवार को राज्य भर में कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों की बहाली के लिए काउंसिलिंग हुई। राज्य भर में छठे चरण में 1.25 लाख शिक्षकों की बहाली होनी है। काफी विवादों के बाद 5 जुलाई से काउंसिलिंग शुरू हुई है।