बिहार में सरकार चला रही एनडीए के भीतर अंदरुनी तौर पर खींचतान इतनी सतह पर आ चुकी है कि सरकार की नाकामियां इसके मंत्री और विधायक ही बयां करने लगे हैं. भाजपा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और हरिभूषण ठाकुर बचौल ने जहां सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और सरकार के मंत्रियों पर रेड डालने की सीएम नीतीश कुमार से मांग कर दी, वहीं नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अफसरों की मनमानी से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है. इसी क्रम में मदन सहनी ने आज (शनिवार) सीएम नीतीश से मिलकर अपना त्यागपत्र देने की बात कही है. अब मदन सहनी और भाजपा विधायकों के आरोपों के आधार पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर ले लिया है. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में कहा, बिहार में भ्रष्टाचार रूपी गंगा ने तबाही मचाई हुई है. खुद मंत्री और सत्ताधारी MLA खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि बिना रिश्वत दिए कोई बाबू साहेब व अधिकारी काम नहीं करता. बिहार में सरकार है ही नहीं. भ्रष्टाचारी, कुर्सीलोलुप, सिद्धांतहीन और अराजक तत्व राज्य को चला रहे हैं. तेजस्वी के बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति गर्मा सकती है.
बता दें कि मदन सहनी ने शुक्रवार को कहा कि जदयू विधायक शशिभूषण हजारी के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे दरभंगा में हैं. वे शनिवार को पटना लौटेंगे और मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बातों को रखेंगे. इसके बाद ही इस्तीफा देने का अंतिम निर्णय लेंगे. बता दें कि मदन सहनी ने हाल में ही अपने विभाग के अपर सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. मदन सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार में 134 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) पिछले तीन साल से एक ही स्थान पर पदस्थापित हैं, ऐसे में सिर्फ 18 सीडीपीओ के स्थानांतरण का निर्णय क्यों और किस आधार पर लिया गया. यह अधिकारियों की मनमानी व तानाशाही नहीं तो और क्या है. बता दें कि सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर एनडीए के अन्य नेता भी अपनी बात रख चुके हैं.