पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी पंचायत चुनावों में दो बच्चों वाला कानून लागू करने पर अडिग हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि जब नगर निकायों में यह कानून लागू हो सकता है तो पंचायतों में क्यों नहीं। सम्राट ने कहा- अब समय आ गया है कि जनसंख्या कानून पर बिहार में भी गंभीरता से विचार हो। पूरे देश में इस कानून की जरुरत है। यदि देश की आबादी पर कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाला समय काफी भयावह होगा। आज जो लोग शिक्षित हो रहे हैं, उनमें प्रजनन दर दो बच्चों तक ही सीमित है। ऐसे में दो से अधिक बच्चों वालों को कोई सुविधा नहीं मिले। सिर्फ चुनाव नहीं, दो से अधिक बच्चे वालों को सरकार की सभी योजनाओं और फैसिलिटी से भी वंचित रखना चाहिए।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनने ही चाहिए। बगैर किसी कानून के इसे कैसे नियंत्रित करेंगे? जनसंख्या बढ़ोतरी की मौजूदा रफ्तार से पूरी दुनिया परेशान है। यह केवल भारत की ही समस्या नहीं है, अब यह ग्लोबल समस्या हो गयी है। हां, भारत इस समस्या से कुछ अधिक परेशान है। मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रित हो, यह हमारी प्राथमिकता में होनी चाहिए। जनसंख्या वृद्धि के कारण संसाधनों पर अत्यधिक बोझ हो गया है और यह बढ़ता ही जा रहा है। विकास और कल्याणकारी कार्यों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रित होगी तो बुनियादी सुविधाओं में विकास होगा। लोग बेहतर जीवन जी सकेंगे। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को समाज और विकास के लिए बेहद जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि ये धर्म और राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह तो सीधे-सीधे विकास का मुद्दा है। इसे दूसरे रुप में नहीं लिया जाना चाहिए। न यह किसी धर्म से जुड़ा मामला है न किसी राजनीति का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस बात को जदयू के कमोबेश तमाम बड़े नेताओं ने मंगलवार को खूब बढ़ाया कि ‘जनसंख्या नियंत्रण सिर्फ कानून से संभव नहीं है; मैं इसके पक्ष में नहीं हूं; खासकर महिला शिक्षा व इससे आई जागृति से प्रजनन दर अपने-आप घटता है।’ भवन निर्माण मंत्री डॉ.अशोक चौधरी ने तो यहां तक कहा कि देश, जनसंख्या नियंत्रण के मामले में बिहार की सफल नीतियों से सीख ले। उनके अनुसार, बिहार ने सही नीतियों से यह साबित किया है कि अगर लड़कियों, महिलाओं को एक स्तर की सही शिक्षा दी जाए, तो उनके प्रजनन दर में कमी आती है। बढ़ती जनसंख्या, पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। देश इस मामले में बिहार की नीतियों से सीखे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने लगभग यही बातें कहीं। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों और नीतियों से साबित हुआ है कि महिलाओं को शिक्षित बनाया जाए तो प्रजनन दर में कमी आती है। बिहार में प्रजनन दर में आई कमी, सफल जनसंख्या नियंत्रण योजना का उदाहरण है। वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का बिहार मॉडल सबसे बेहतर है। यह आजमाया हुआ है, बेहतरीन नतीजे इसकी कामयाबी की गवाही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में यह साबित करके दिखा दिया कि कैसे लड़कियों व महिलाओं को शिक्षित कर देने से वैसी जागृति आ जाती है, जो खुद ब खुद प्रजनन दर को कम कर देती है।