बिहार विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 से घटकर 51 रह गई है। परिषद् के 24 सदस्यों का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया। ये सभी सदस्य स्थानीय निकाय कोटे से निर्वाचित होकर विधान परिषद पहुंचे थे। अब यह पद तब तक खाली रहेंगे जब तक बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो जाता। इसका सबसे ज्यादा असर भाजपा की संख्या पर पड़ा है। जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हुआ है, उनमें सबसे अधिक भाजपा के हैं। स्थानीय निकाय से भाजपा के 12 प्रतिनिधि हैं। विधान परिषद में भाजपा के कुल 26 MLC हैं, जो अब घटकर 14 रह गए हैं। जदयू के 29 विधान पार्षद थे, जो छह घटकर अब 23 रह गए हैं। कांग्रेस के एक और राजद के भी एक MLC की संख्या कम हो गई है। 4 पहले से खाली है।
पार्षदों के लिए शनिवार को विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने उपस्थित सदस्यों को विदाई दी। विदाई समारोह में सिर्फ 10 MLC आदित्य नारायण पांडेय, राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, सलमान रागीब, टुनजी पांडेय, राजेश राम, राधाचरण साह, सुमन कुमार, अशोक कुमार अग्रवाल एवं रीना देवी उर्फ रीना यादव उपस्थित थीं। रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद शामिल हैं। इनके अलावा नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडेय एवं राजेश राम का कार्यकाल भी खत्म हो गया है।
24 सदस्यों में से चार पद पहले से खाली हैं। इनमें एक का निधन हो चुका है, जबकि अन्य तीन विधायक बन चुके हैं। राजद के टिकट पर रीतलाल यादव दानापुर से विधायक हो गए। वहीं, सीतामढ़ी से राजद के विधान पार्षद दिलीप राय भी जदयू के विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। जदयू के ही एमएलसी मनोज यादव भी विधायक बन चुके हैं। दरभंगा के भाजपा विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह का निधन कोरोना से हो गया था।