मुजफ्फरपुर में बाढ़ से तबाही का मंजर है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। ऐसे में एक दूल्हा नाव से दुल्हन के घर पहुंचा। शादी की रस्में नाव पर ही हुईं। इसी नाव से दुल्हन को अपने घर ले आया। इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में है। मामला सकरा के मुरौल गांव का है, जहां नाव पर ही शादी के बाद की कई रस्में भी पूरी की गईं। शादी में मिले उपहार भी नाव पर ही लाए गए। दरअसल, मुशहरी के आथर गांव में चारों ओर पानी ही पानी है। गांव को पार करने के लिए नाव ही केवल एक रास्ता बचा है। ऐसे में जब रेणु की सकरा मुरौल गांव के प्रवीण से शादी की बात चली तो लड़के वाले शादी से मुकरने लगे। बाढ़ का पानी बढ़ जाने से लड़की के गांव में जाना भी मुश्किल था। शादी टालने की नौबत आ रही थी, लेकिन प्रवीण ने ठान लिया कि जैसे भी हो वह अपनी जीवन संगिनी को लेने जाएगा। इसके बाद उसने नाव का इंतजाम किया। अपने परिजन और करीबियों को लेकर वह तय दिन और समय पर बाढ़ के पानी को पार करते हुए लड़की के गांव पहुंचा। शादी की और फिर उसी नाव से लेकर अपनी अर्धांगिनी को वापस अपने घर ले आया।
नाव से आने-जाने का किसी ने वीडियो भी तैयार कर लिया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो खूब तेज़ी से वायरल हुआ। जिसने भी देखा उसने खूब तारीफ की और युवक के जज़्बे को सलाम किया। लोगों ने कहा कि प्रवीण ने जो किया वह दिलेरी वाला काम था। जिले में बूढ़ी गंडक नदी के उफान से मीनापुर के मिल्की डायवर्जन पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। जिससे मुजफ्फरपुर शिवहर रोड पर आवागमन बंद हो गया है। जिससे परिवर्तित मार्गों से वाहनों का परिचालन किया जा रहा है। कांटी प्रखंड की तीन पंचायत पूरी तरह बूढ़ी गंडक के पानी में घिर गए है। जहां करीब 15 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ के पानी में फंसी हुई है। काटी प्रखंड के कोल्हुआ पैगंबरपुर, मिठनसराय, माधोपुर और शेरपुर, पहाड़पुर इलाके पूरी तरह बाढ़ के पानी की जद में हैं।