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बिहार के 1,096 थानों में मौजूद रहेंगी महिला कांस्टेबल, पीड़िताएं अब खुलकर सुना सकेंगी अपना दर्द

बिहार में अब थानों में महिलाएं अपना दर्द आसानी से सुना पाएंगी। यहां फरियाद सुनने वाली भी महिला ही होगी। बिहार के सभी 1,096 थानों में महिला दस्ता बनाया जाएगा, जिसे महिला हेल्प डेस्क का नाम दिया गया है। गृह विभाग के आदेश के बाद अब थानों में इस नई व्यवस्था को लेकर मंथन किया जा रहा है। इस कांसेप्ट का उद्देश्य है कि कोई भी पीड़िता थाना पर जाती है तो अभी उसे पुरुष पुलिसकर्मियों से बात करनी होती है। इस कारण से बहुत ऐसी बातें होती हैं जो महिलाएं पुरुष पदाधिकारी को नहीं बता पाती हैं। इस कारण से महिलाओं की फरियाद अधूरी रह जाती है। जब वुमेन टॉकिंग की व्यवस्था होगी तो एक महिला दूसरी महिला से अपनी पूरी बात कह सकेगी। इससे उन्हें कहीं से कोई समस्या नहीं आएगी।

गृह विभाग ने बिहार पुलिस को निर्देश दिया है कि महिला पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग भी थानों व कार्यालयों में राष्ट्रीय मानक के अनुसार की जाए। थानाें में मानक स्थापित करने को लेकर काम किया जाए, जिससे महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में महिला फरियादियों को सहूलियत मिले। हर थाना में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना होने से वुमेन टॉकिंग का सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे महिला फरियादियों को काफी राहत होगी। हाल में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पति और रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं पर किए जाने वाले अत्याचार मामलों में बिहार का स्थान देश में 25वां है। बिहार में प्रति एक लाख पर 4.55 ऐसे मामले हुए। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 19.54 है। इस तरह राष्ट्रीय औसत से बिहार में एक तिहाई से भी कम ऐसे मामले हुए। पूरे देश में 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां इस मामले में स्थिति बिहार से अच्छी है।

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