पूर्व सीएम और हम प्रमुख जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब अपने घर में ही मान-सम्मान नहीं मिले, तो बदलाव होगा ही। इस क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि वे जब मंदिर जाते हैं तो बाहर निकलने के बाद मंदिर को धोया जाता है। ऐसे में क्या समझा जाए। बता दें कि गया जिले के अलग-अलग हिस्सों में धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है। वहां कई लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर इसाई धर्म अपना लिया है। डोभी प्रखंड में लोग प्रार्थना सभा में शामिल हो रहे हैं। कहा गया है कि प्रलोभन और अंधविश्वास के कारण लोगों ने ऐसा किया है। इसी मुद्दे पर प्रश्न पूछे जाने पर मांझी ने ये बातें कहीं।
पूर्व सीएम ने धर्म के अंदर भेदभाव को मतांतरण का मुख्य कारण बताया। कहा कि घर में सम्मान नहीं मिलने पर ऐसा होना स्वभाविक है। दूसरे जगह पर मान-सम्मान मिल रहा है। लेकिन धर्म परिवर्तन से देश की एकता पर कोई खतरा नहीं। भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। धर्म का अपने हिसाब से पालन और उसके प्रचार की यहां स्वतंत्रता है। ऐसी स्थिति में कौन कहां, जहा रहा यह मेरी नजर समस्या नहीं है। झी ने कहा कि जब-जब धर्म लचीला हुआ, उसका प्रचार और प्रसार हुआ। लेकिन जैसे ही उसमें संकीर्णता आई, उस धर्म का नाश हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि जब पूर्व सीएम किसी मंदिर में जाते हैं तो उसे बाहर निकलने के बाद मंदिर को धो दिया जाता है, ऐसे में क्या समझा जाए? बता दें कि मांझी जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तब वे मधुबनी जिले के एक मंदिर में गए थे। उन्होंने कहा कि उनके निलकने के बाद मंदिर को धो दिया गया था। इसको लेकर तब राजनीति काफी गर्म हो गई थी। हालांंकि मंदिर प्रबंधन ने उनके इस आरोप को नकारते हुए कहा था, मंदिर को हर दिन धोया जाता है।