आशीर्वाद यात्रा पर निकले लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने गुरुवार को कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक व्यक्ति (चिराग) को केंद्रीय मंत्रिमंडल से दूर रखने और अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने ही नेताओं और पार्टी को कमजोर किया है, उसके लिए जदयू में कभी भी टूट देखने को मिल सकती है। समस्तीपुर में जमुई से सांसद ने कहा, ‘मुझे कभी भी मंत्री पद की लालसा नहीं थी, लेकिन मुझे अभी भी यह नहीं पता है कि मेरे चाचा पशुपति कुमार पारस को किस पार्टी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जिस तरह से चीजें सामने आई हैं, उससे ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार ने मुझे मंत्री न बनने देने के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं, खासकर राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की कुर्बानी दी है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें भाजपा से नीचा महसूस कराया है। चिराग ने कहा कि जब उन्हें अपनों ने ही धोखा दिया तो वह किसी और के प्रति द्वेष नहीं रख सकते। उन्होंने कहा, ‘समय सब कुछ बता देगा। मुझे कभी किसी से कोई व्यक्तिगत अपेक्षा नहीं थी। लोगों को वह मिलता है जिसके वे हकदार होते हैं, यही सार्वभौमिक सत्य है। मैं इसे उस पर छोड़ता हूं।’