कोरोना संक्रमण ने लोगों की जिंदगियों पर ब्रेक सी लगा दी है. लगातार दूसरे साल कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के कारण देशभर में तमाम पर्व त्योहारों का रंग फीका पड़ गया है. जहां पिछली बार कोरोना के खौफ के साए में ईद मनाई गई थी और लोगों ने अपने घरों में ही नमाज पढ़ी थी तो इस साल भी ईद और बकरीद (Bakrid 2021) में कोरोना का खासा असर देखने को पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने ईदगाह में नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया तो साथ ही सभी सार्वजनिक जगहों पर भी नमाज करने पर प्रतिबंध लगा रखा गया है, इसके बाद लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से और कोरोना के कारण अपने अपने घरों में ही नमाज अदा की.
राजधानी पटना के कई मुस्लिम परिवारों ने अपने अपने घरों में नमाज पढ़ी, वहीं नमाज पढ़ने के बाद लोग काफी मायूस नजर आये. लोगों का कहना था कि कोरोना संक्रमण के कारण उनकी खुशियों पर ग्रहण लग गया है. जहां पिछले साल कोरोना के कारण उन्हें ईद और बकरीद जैसे पर्व त्योहारों पर घरों में ही कैद रहना पड़ा था और पर्व का मजा किरकिरा हो गया था इस साल भी बकरीद में निराशा ही मिली है. लोगों का कहना था कि जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए अपने घरों में ही नमाज पढ़ी जिसके कारण पर्व का पूरी तरह से मजा नहीं उठा पाए.
घर पर नमाज पढ़ रहे मीर साहब का कहना था कि हम लोग बकरीद में अपने जमात के साथ मिलते थे और नमाज अदा करते थे. एक साथ गांधी मैदान में सब कोई मिलता था लेकिन इस बार कोरोना के कारण हम लोग पूरी तरह से मायूस हैं और लग रहा है कि अपने समाज से कटते जा रहे हैं. नमाज के बाद बच्चे भी काफी मायूस नजर आए. इरफान ने कहा कि ईद में अपने दोस्तों के साथ मिलना जुलना होता है लेकिन कोरोना के कारण हम लोग अपने दोस्तों से दूर हो गए हैं और पर्व का सारा मजा किरकिरा हो गया. कोरोना के कारण ईद और बकरीद जैसे पर्व त्योहारों पर जिला प्रशासन ने ईदगाह में नमाज पर प्रतिबंध लगाया था इस बार हालांकि कोरोना कम है लेकिन फिर भी सरकार और जिला प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है इसलिए जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार इस बार भी ईदगाह में नमाज अदा नहीं की गई.