गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कटिहार में घुंघरू पूजन उत्सव का अनोखा आयोजन किया गया. यहां लखनऊ घराना से नृत्य शिक्षा के ताल्लुक रखने वाली प्रिया पाल वर्षों से घुंघरू पूजन उत्सव का आयोजन करती हैं. इस आयोजन में गुरु माता घुंघरू की विशेष रूप से पूजा अर्चना कर आशीर्वाद के रूप में अपने शिष्यों को घुंघरू देती हैं. एक नंबर कॉलोनी मोहल्ला की निवासी प्रिया पाल पूरे विधि विधान के साथ इसका आयोजन करती हैं. पाश्चात्य सभ्यता के दौर में भी परंपरा को जिंदा रखने की इस नायाब कोशिश की सभी प्रशंसा करते हैं.

हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नृत्य शिक्षिका प्रिया पाल अपने छात्र छात्राओं के घुंगरू को विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हुए अपने शिष्य को आने वाले जीवन में कामयाब होने के लिए घुंघरू सौंपती हैं. शिक्षिका प्रिया कहती है कि आज के दौर में हावी होते पाश्चात्य सभ्यता के बाबजूद खासकर कला के क्षेत्र में गुरु शिष्य परंपरा को बरकरार रखने के लिए इस तरह का आयोजन बेहद जरूरी है.

प्रिया पाल ने बताया कि इस परंपरा के तहत पहले मां सरस्वती के सामने घुंघरू को रखकर विशेष विधि विधान से पूजा करने के बाद छात्र-छात्राओं को यह सौंप दिया जाता है. नगर थाना क्षेत्र के एक नंबर कॉलोनी के रहनेवाली नृत्य शिक्षिका प्रिया पाल कत्थक नृत्य का क्लास का चलाती हैं. यहां उनके दसियों शिष्य उनके पास कत्थक नृत्य सीखने के लिए पहुंचते हैं.
गुरु शिष्य की परंपरा को बरकरार रखते हुए हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन प्रिया पाल इस तरह घुंघरू पूजन का उत्सव का आयोजन करती हैं. विधि विधान के साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने के बाद घुंघरू की पूजा अर्चना की जाती है. इसके पश्चात गुरु अपने हर शिष्य को घुंघरू देकर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का आशीर्वाद देती हैं.